प्रेमचन्द जी के साथ दो दिन (संस्मरण) : बनारसीदास चतुर्वेदी
"आप आ रहे हैं, बड़ी खुशी हुई। अवश्य आइये। आपने न जाने कितनी बातें करनी हैं।
मेरे मकान का पता है -
बेनिया-बाग में तालाब के किनारे लाल मकान। किसी इक्केवाले से कहिये, वह आपको वेनिया-पार्क पहुँचा देगा। पार्क में एक तालाब है। जो अब सूख!-->!-->!-->!-->!-->…