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प्रियप्रवास (priyapravas) : अयोध्या सिंह उपाध्याय “हरिऔध”

‘प्रियप्रवास’ (priyapravas) 1909-1913 के बीच रचित एक सशक्त विप्रलम्भ काव्य है जिसकी रचना प्रेम और शृंगार के विभिन्न पक्षों को लेकर की गई है। इस ग्रन्थ का विषय श्रीकृष्ण की मथुरा-यात्रा है, इसी कारण इसका नाम ‘प्रियप्रवास’ है। कथा-सूत्र से

साकेत (Saket Kavita) : मैथिलीशरण गुप्त

महाकवि 'मैथिलीशरण गुप्त' द्वारा रचित महाकाव्य 'साकेत' (Saket Kavita) कुल बारह सर्गों में विभाजित है। यह कविता सन् 1931 ईस्वी में प्रकाशित हुई थी। शुरुआती सर्गों में राम के वन गमन का उल्लेख है वहीं अंतिम के सर्गों में लक्ष्मण वधू उर्मिला का

Ram Avtar Guru Gobind Singh (राम अवतार)

प्रस्तुत पद सिक्खों के दसवें व अंतिम गुरु श्री गुरु गोविंद सिंह द्वारा रचित राम काव्य शीर्षकतः राम अवतार (Ram Avtar Guru Gobind Singh) से लिए गए हैं। पद संख्या 616-622 नीचे दिए गये हैं :- स्त्री रघुनदन की भुज ते जब छोर सरासन वान उडाने ।

Vinay Patrika (विनय पत्रिका) : तुलसीदास

प्रस्तुत पद राम भक्ति धार के श्रेष्ठतम एवं भक्तिकाल के पुरोधा कवि तुलसीदास द्वारा रचित हैं। निम्नलिखित पद उनके द्वारा रचित विनयपत्रिका (Vinay Patrika) ग्रंथ से लिए गए हैं जो कि राम काव्य परंपरा की श्रेष्ठ रचनाओं में से एक है।  पद-45

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महाकवि 'मैथिलीशरण गुप्त' द्वारा रचित महाकाव्य 'साकेत' (Saket Kavita) कुल बारह सर्गों में विभाजित है। यह कविता सन् 1931 ईस्वी में प्रकाशित हुई थी। शुरुआती सर्गों में राम के वन गमन का उल्लेख है वहीं अंतिम के सर्गों में लक्ष्मण वधू उर्मिला का

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प्रस्तुत पद सिक्खों के दसवें व अंतिम गुरु श्री गुरु गोविंद सिंह द्वारा रचित राम काव्य शीर्षकतः राम अवतार (Ram Avtar Guru Gobind Singh) से लिए गए हैं। पद संख्या 616-622 नीचे दिए गये हैं :- स्त्री रघुनदन की भुज ते जब छोर सरासन वान उडाने ।

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प्रस्तुत पद राम भक्ति धार के श्रेष्ठतम एवं भक्तिकाल के पुरोधा कवि तुलसीदास द्वारा रचित हैं। निम्नलिखित पद उनके द्वारा रचित विनयपत्रिका (Vinay Patrika) ग्रंथ से लिए गए हैं जो कि राम काव्य परंपरा की श्रेष्ठ रचनाओं में से एक है।  पद-45

केशवदास रामचंद्रिका व्याख्या pdf

प्रस्तुत पद संख्या 135-142 में राम नाम महिमा का बखान सगुण भक्ति काव्य परंपरा के कवि केशवदास द्वारा किया गया है। निम्नलिखित पद उनके द्वारा रचित रामचंद्रिका ग्रंथ से लिए गए हैं जो कि राम काव्य परंपरा की श्रेष्ठ रचनाओं में से एक है। (केशवदास

Rajbhasha Hindi (राजभाषा हिन्दी)

प्रश्न: 5- राजभाषा हिन्दी के स्वरूप को स्पष्ट कीजिए। (Rajbhasha Hindi) उत्तर : राजभाषा से तात्पर्य है कि संविधान द्वारा सरकारी काम काज की, प्रशासन, संसद और विधानमण्डलों तथा न्यायिक कार्यकलाप के लिए स्वीकृत भाषा। राजभाषा शब्द का

हिन्दी का भौगोलिक विस्तार (hindi ka bhogolik vistar)

प्रश्न : हिन्दी के भौगोलिक विस्तार को स्पष्ट कीजिए। (hindi ka bhogolik vistar) उत्तर : हिन्दी भाषा विश्व में बोली जाने वाली भाषाओं में तीसरे स्थान पर है। करीब 609 अरब लोग हिन्दी भाषा का प्रयोग प्राथमिक, और द्वितीयक भाषा के रूप में करते

कबीर की भक्ति भावना (kabir ki bhakti bhavna)

प्रश्नः क्या कबीर ने अनीश्वरताप के निकट पहुंच चुके भारतीय जनमानस को निर्गुण ब्रम्ह की भक्ति की ओर प्रवृत्र होने की उत्तेजना प्रदान की? तर्क सम्मत उत्तर दीजिए। (kabir ki bhakti bhavna) उत्तर : निर्गुण ब्रह्म गुणों से रहित न होकर गुणातीत

कबीर की भाषा (kabir ki bhasha)

प्रश्न : कबीर की भाषा के औचित्य पर सोदाहरण विचार कीजिए। (kabir ki bhasha) उत्तर : आ. रामचन्द्र शुक्ल के अनुसार कबीर की भाषा सधुक्कड़ी थी। रमैनी और सबद गाने के पद हैं, जिसमें काव्य भाषा ब्रज और कहीं कहीं पूरबी बोली का प्रभाव लक्षित होता

आषाढ़ का एक दिन : मोहन राकेश (ashadh ka ek din)

प्रश्न : रंगमंचीय संभावनाओं की दृष्टि से किए गए एक प्रयोग के रूप में 'आषाढ का एक दिन' नाटक पर विचार कीजिए। उत्तर : नाटक की भूमिका में मोहन राकेश लिखते हैं कि 'हिन्दी रंगमन्च को हिन्दी भाषी प्रदेश की सांस्कृतिक पूर्तियों और आकांक्षाओं का

विद्यापति की भक्ति भावना (vidyapati ki bhakti bhavna)

प्रश्न: वि‌द्यापति की कविता में व्यक्त भक्ति स्वरूप को सोदाहरण स्पष्ट कीजिए। उत्तर :- आदिकाल में उभरते कवि वि‌द्यापति की कविता में भक्ति तत्व की वि‌द्यमानता बहस का विषय रही है। आ. शुक्ल उनकी आध्यात्मिकता पर कटाक्ष करते है तो वहीं

आदिकालीन प्रवृत्तियाँ एवं डिंगल-पिंगल का भेद (aadikal ki pravritiyan)

प्रश्न- आदिकालीन हिन्दी भाषा की प्रमुख प्रवृत्तियों का परिचय देते हुए डिंगल और पिंगल का अंतर स्पष्ट कीजिए। (aadikal ki pravritiyan) उत्तर:- आदिकालीन हिन्दी भाषा भिन्न-भिन्न चरणों में विकसित होती रही जो कहीं प्राकृताभास अपभ्रंश में दिखाई

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