मलबे का मालिक (कहानी) : मोहन राकेश PDF
लेखक : मोहन राकेश
पूरे साढ़े सात साल के बाद लाहौर से अमृतसर आए थे. हॉकी का मैच देखने का तो बहाना ही था, उन्हें ज़्यादा चाव उन घरों और बाज़ारों को फिर से देखने का था, जो साढ़े सात साल पहले उनके लिए पराए हो गए थे. हर सड़क पर मुसलमानों की!-->!-->!-->…