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mirabai ke pad

मीरा का समय (सामाजिक, राजनीतिक एवं अन्य परिस्थितियाँ) mirabai ka samay kal

मीरा बाई, भक्ति युग की प्रमुख संत-कवयित्री, का जीवन पंद्रहवीं–सोलहवीं शताब्दी के उस संक्रमणकाल में बीता जब भारत का राजनीतिक, सामाजिक, धार्मिक और सांस्कृतिक परिदृश्य तीव्र परिवर्तन के दौर से गुजर रहा था। यह वह समय था जब मध्यकालीन भारतीय

मीरा के पद सप्रसंग व्याख्या

मीराबाई के निम्नलिखित पद बी.कॉम प्रोग्राम के ge पेपर हिन्दी-'क' में लगे हुए हैं। पद मण थें परस हरि रे चरण॥टेक॥ सुभग सीतल कँवल कोमल, जगत ज्वाला हरण। जिण चरण प्रहलाद परस्याँ, इन्द्र पदवी धरण। जिण चरण ध्रुव अटल करस्याँ, सरण असरण सरण।