मीरा के काव्य में स्त्री चेतना (mira ke kavya mein stri chetna)
मीरा भक्ति साहित्य की प्रमुख कवयित्री होने के साथ-साथ भारतीय स्त्री-चेतना की अग्रिम आवाज़ भी हैं। उनके काव्य में स्त्री-अनुभूति, स्वाभिमान, स्वतंत्रता और आत्मसत्ता का प्रखर स्वर दिखाई देता है। मीरा का जीवन और काव्य—दोनों—स्त्री के स्वतंत्र!-->…