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meera ki bhakti aur prem kiske prati hai

मीरा की प्रेम भावना (mira ki prem bhavna)

मीरा के काव्य का मूल तत्व प्रेम है—ऐसा प्रेम जो सांसारिक नहीं, बल्कि पूर्णत: आध्यात्मिक और आत्मिक है। मीरा का प्रेम ईश्वर-कृष्ण के प्रति अनन्य भक्ति, समर्पण और माधुर्य-भाव से पूर्ण है। उनका काव्य इसी निष्काम, निरावरण और गहन प्रेम की