हिंदी साहित्य की ओर एक कदम।
Browsing Tag

himadri tung shring se vyakhya

कविता : हिमाद्रि तुंग श्रृंग-जयशंकर प्रसाद

हिमाद्रि तुंग श्रृंग से, प्रबुद्ध शुद्ध भारती। स्वयंप्रभा समुज्ज्वला, स्वतंत्रता पुकारती॥ अमर्त्य वीर पुत्र हो, दृढ प्रतिज्ञ सोच लो। प्रशस्त पुण्य पंथ है, बढ़े चलो बढ़े चलो॥ असंख्य कीर्ति रश्मियाँ, विकीर्ण दिव्य दाह-सी। सपूत मातृभूमि