घर जोड़ने की माया : आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी
सन् 1942-43 ई. में मैंने कबीरदास के सम्बंध में एक पुस्तक लिखी पुस्तक लिखने की तैयारी दो-ढाई साल से कर रहा था और नाना प्रकार के प्रश्न मेरे मन में उठते रहे। मुझे सबसे अधिक आश्चर्य कबीरदास के परवर्ती साहित्य को पढ़कर हुआ। जिस धर्मवीर ने पीर,!-->…