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bhasha aur samaj

भाषा और सामाजिक व्यवहार

भाषाविज्ञान की अन्य शाखाओं की अपेक्षा समाज भाषा विज्ञान अभी हमारे यहाँ अपने शैशवा काल में ही चल रहा है। कारण यह है जिस प्रकार पश्चिमी देशों, विश्वविद्यालयों में इस विषय पर तेजी से काम हो रहा है उतना अभी हमारे यहाँ नहीं। यहाँ तक की

भाषा और समाज का अंतर्संबंध

भाषा किसी व्यक्ति के व्यक्तित्व के सर्वांगीण विकास के लिए ही अनिवार्य नहीं है बल्कि वह उस समाज के लिए भी उतनी ही महत्त्वपूर्ण है जिस समाज विशेष में वह व्यक्ति रहता है। हमारा विश्व कई समाज विशेष से मिलकर बना है और इन समाज विशेष की पहचान वह