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bhasha aue samaj ka antarsambandh

भाषा और समाज का अंतर्संबंध

भाषा किसी व्यक्ति के व्यक्तित्व के सर्वांगीण विकास के लिए ही अनिवार्य नहीं है बल्कि वह उस समाज के लिए भी उतनी ही महत्त्वपूर्ण है जिस समाज विशेष में वह व्यक्ति रहता है। हमारा विश्व कई समाज विशेष से मिलकर बना है और इन समाज विशेष की पहचान वह