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Rasta idhar se hai (रास्ता इधर से है) : रघुवीर सहाय-कहानी

'रास्ता इधर से है' (Rasta idhar se hai) रघुवीर सहाय द्वारा लिखी गई है। यह कहानी उनके कहानी संग्रह 'रास्ता इधर से है' का हिस्सा है जो सन् 1972 में प्रकाशित हुआ था। वह एक वाहियात दिन था। सब कुछ शांत था सुनाई पड़ सकती थी इतने मोटे गलीचे

हिंदी : रघुवीर सहाय Hindi Kavita : Raghuvir…

रघुवीर सहाय 'हिन्दी भाषा' के एक बहुत बड़े पैरोकार के रूप में हमें दिखाए देते हैं, जो अपनी कविताओं के माध्यम से निरंतर इस मुद्दे को समाज में उठाते रहे हैं। अंग्रेज़ी की महत्ता और हिन्दी को मिलने वाले सम्मान में कमी उन्हें तकलीफ देती थी, जिसका

स्वाधीन व्यक्ति : रघुवीर सहाय (Swadhin Vyakti Kavita)

यह कविता स्वाधीन व्यक्ति (swadhin vyakti kavita) एक कवि के मन में चल रहे द्वन्द्व को दिखाती है और अंत में एक स्वाधीन व्यक्ति के रूप में सामने आता है। इस अन्धेरे में कभी-कभीदीख जाती है किसी की कविताचौंध में दिखता है एक और कोई कवि

देवी (कहानी) : सूर्यकांत त्रिपाठी निराला Devi (Kahani) : Nirala

देवी (devi kahani nirala) सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' द्वारा लिखी गई बहुत ही मार्मिक कहानी है। कहानी का पाठ नीचे दिया गया है। 1बारह साल तक मकड़े की तरह शब्दों का जाल बुनता हुआ मैं मक्खियाँ मारता रहा। मुझे यह ख्याल था कि मैं साहित्य की

वर दे! वीणावादिनी : सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ Var de veena vadini

महाप्राण निराला कृत वर दे! वीणावादिनी (Var de veena vadini) माँ शारदा की वंदना हेतु लिखा गया एक बेहद ही मनोरम और भक्तिमय गीत है। इस कविता में जहां भक्ति दिखाई पड़ती वहीं निराला माँ शारदा से अपने देशवासियों के लिए स्वतंत्रता का अमर वरदान

भारती वन्दना : सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला Bharati Vandana Kavita

भारती वंदना (bharati vandana kavita) कविता महाप्राण सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' द्वारा रचित एक देशभक्ति रचना है, जो उन्होंने मान भारती के चरणों में पुष्पगुच्छ के समान समर्पित की है। भारती, जय, विजय करेकनक - शस्य - कमल धरे!लंका पदतल