हिंदी साहित्य की ओर एक कदम।
Browsing Tag

ba programme 4th year

Rasta idhar se hai (रास्ता इधर से है) : रघुवीर सहाय-कहानी

'रास्ता इधर से है' (Rasta idhar se hai) रघुवीर सहाय द्वारा लिखी गई है। यह कहानी उनके कहानी संग्रह 'रास्ता इधर से है' का हिस्सा है जो सन् 1972 में प्रकाशित हुआ था। वह एक वाहियात दिन था। सब कुछ शांत था सुनाई पड़ सकती थी इतने मोटे गलीचे

हिंदी : रघुवीर सहाय Hindi Kavita : Raghuvir…

रघुवीर सहाय 'हिन्दी भाषा' के एक बहुत बड़े पैरोकार के रूप में हमें दिखाए देते हैं, जो अपनी कविताओं के माध्यम से निरंतर इस मुद्दे को समाज में उठाते रहे हैं। अंग्रेज़ी की महत्ता और हिन्दी को मिलने वाले सम्मान में कमी उन्हें तकलीफ देती थी, जिसका

हँसो हँसो जल्दी हँसो (कविता) : रघुवीर सहाय Hanso Hanso Jaldi Hanso

हँसो हँसो जल्दी हँसो (Hanso Hanso Jaldi Hanso) : हँसो तुम पर निगाह रखी जा रही जा रही है हँसो अपने पर न हँसना क्योंकि उसकी कड़वाहट पकड़ ली जाएगीऔर तुम मारे जाओगेऐसे हँसो कि बहुत खुश न मालूम होवरना शक होगा कि यह शख़्स शर्म में

अभी न होगा मेरा अन्त : सूर्यकांत त्रिपाठी “निराला” Abhi na hoga mera ant

महाप्राण निराला कृत अभी न होगा मेरा अंत (Abhi na hoga mera ant) एक बेहद ही प्रेरणादायक कविता है, जिसमें निराला जीवन के प्रति उत्साह दिखाते हुए कहते हैं कि अभी उनका अंत नहीं होगा क्योंकि अभी ही तो उनके जीवन में उमंग और उल्लास से भरा वसंत

वर दे! वीणावादिनी : सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ Var de veena vadini

महाप्राण निराला कृत वर दे! वीणावादिनी (Var de veena vadini) माँ शारदा की वंदना हेतु लिखा गया एक बेहद ही मनोरम और भक्तिमय गीत है। इस कविता में जहां भक्ति दिखाई पड़ती वहीं निराला माँ शारदा से अपने देशवासियों के लिए स्वतंत्रता का अमर वरदान