हिंदी साहित्य की ओर एक कदम।
Browsing Tag

ba prog

अधिनायक : रघुवीर सहाय Adhinayak Kavita

रघुवीर सहाय द्वारा रचित अधिनायक कविता (Adhinayak Kavita) भारतीय लोकतंत्र व्यवस्था पर प्रश्न चिन्ह खड़ा करती है। यह कविता ऐसी व्यवस्था पर व्यंग्य करती है जो सत्ता के रोब-दाब और ठाट-बाट से लोगों पर शासन करने की मंशा रखती है। कविता का पाठ नीचे

स्वाधीन व्यक्ति : रघुवीर सहाय (Swadhin Vyakti Kavita)

यह कविता स्वाधीन व्यक्ति (swadhin vyakti kavita) एक कवि के मन में चल रहे द्वन्द्व को दिखाती है और अंत में एक स्वाधीन व्यक्ति के रूप में सामने आता है। इस अन्धेरे में कभी-कभीदीख जाती है किसी की कविताचौंध में दिखता है एक और कोई कवि