हिंदी साहित्य की ओर एक कदम।
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Ability Enhancement Course

AEC Hindi Syllabus Semester-III/IV DU PDF

दिल्ली विश्वविद्यालय में Ability Enhancement Course (AEC) हिन्दी में सेमेस्टर-III/IV के अंतर्गत निम्नलिखित तीन पेपर पढ़ाए जाएंगे: व्यावहारिक हिन्दी (हिन्दी-क) जनसंचार और रचनात्मक लेखन (हिन्दी-ख) हिन्दी भाषा और तकनीक (हिन्दी-ग)

सोशल मीडिया से सम्बन्धित विविध विषयों पर आलेख तैयार करना

समय के साथ-साथ मनुष्य के सोचने एवं विचार करने की आदतें, उसका व्यवहार एवं विमर्श का दायरा भी बदलता जाता है । आज नवमाध्यमों ने हमारी सोच के दायरे को बदला है साथ ही अभिव्यक्ति के तरीकों में भी परिवर्तन हुआ है । देश, काल और परिस्थिति की बातें

सोशल मीडिया से बनने वाली खबर पर रिपोर्ट तैयार करना

‘जब भी बोलना वक्त पर बोलना, मुद्दतों सोचना मुख्तसर बोलना।' वाचिक परम्परा की इस सीख के साथ पत्रकारिता के पहले संवाददाता नारद, आद्य संपादक वेद व्यास, सर्वप्रथम लाइव टेलीकास्ट करने वाले महाभारत के संजय आदि से प्रारंभ होकर पत्रकारिता ने एक

सोशल मीडिया के प्रकार

सोशल मीडिया इन दिनों लोकप्रियता के सोपान चढ़ रही है। पिछले एक दशक में कई बड़ी खबरें सोशल मीडिया के माध्यम से लाइमलाइट में आयी है। इस बात का लगातार आकलन किया जा रहा है कि आने वाले समय में प्रिंट, टेलीविजन जैसे परंपरागत माध्यमों को प्रासंगिक

सोशल मीडिया का प्रभाव और महत्त्व

भूमिका सूचना तकनीक के तीव्र विकास ने सूचना क्रांति को जन्म दिया है। इस सूचना क्रांति के महत्त्वपूर्ण अंग इंटरनेट और इंटरनेट आधारित सूचना उपकरणों ने मनुष्य जीवन पर गहरा प्रभाव डाला है। पिछले दो दशकों से इंटरनेट ने हमारी जीवनशैली को बदल

सोशल मीडिया: अर्थ और परिभाषा

वर्तमान समय सोशल मीडिया का समय है। सोशल मीडिया हमारे दैनिक जीवन का अभिन्न हिस्सा बन गया है। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की वजह से पत्रकारिता के क्षेत्र में भी व्यापक बदलाव आया है। एक के बाद एक नए माध्यमों का विकास हुआ, जिसकी वजह से साहित्यिक,

किसी व्यावसायिक कार्यक्रम की प्रेस विज्ञप्ति

प्रस्तावना ‘प्रेस विज्ञप्ति' किसी भी सरकारी, गैर-सरकारी कार्यालयों, व्यावसायिक प्रतिष्ठानों एवं राजनीतिक संगठनों आदि के लिए अपने कार्यालय या संस्थान की विशेष सूचनाओं को जन-समुदाय तक पहुचाने के लिए तैयार की गई एक सूचना होती है जिसे

व्यावसायिक पत्र-लेखन

प्रस्तावना 'पत्राचार' व्यक्ति-जीवन का एक महत्त्वपूर्ण अंग बन चुका है। व्यावसायिक क्षेत्र में तो पत्र लेखन की योग्यता को सफलता की कुंजी ही माना जाता है। यहाँ विभिन्न प्रकार का पत्राचार (Correspondence) वह 'पुल' है जो वाणिज्य- व्यवसाय के

कार्यालयी पत्र-लेखन

प्रस्तावना सरकारी कार्यालय की काम को सुचारु रूप से चलने के लिए लिखे जाने वाले पत्रों को ही कार्यालयी पत्र कहा जाता है। इनका प्रयोग किसी सरकारी कार्यालय के प्रशासनिक काम-काज के दौरान किया जाता है। लेकिन वर्तमान समय में विभिन्न गैर-सरकारी

सूचना के अधिकार के लिए लेखन

प्रस्तावना ‘सूचना का अधिकार' से तात्पर्य है भारत के किसी नागरिक को सरकार तथा उससे सम्बद्ध किसी भी विभाग या संस्था से सूचना प्राप्त करने का संवैधानिक अधिकार। यह अधिकार भारतीय नागरिकों को भारतीय संसद द्वारा दिसम्ब 2002 में ‘सूचनाधिकार