हिंदी साहित्य की ओर एक कदम।

DU B.A. Hindi (Hons.) 2nd Semester Syllabus

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यह पाठ्यक्रम बी.ए. हिन्दी ऑनर्स के सेकंड सेमेस्टर के Discipline Specific Course (DSC) पेपर का है। इसमे छात्रों को निम्नलिखित पेपर पढ़ाए जाएंगे:
1. हिन्दी कविता: सगुण भक्तिकाव्य एवं रीतिकालीन काव्य
2. हिन्दी साहित्य का इतिहास (आधुनिक काल)
3. हिन्दी निबंध एवं अन्य गद्य विधाएँ
इनका विस्तृत पाठ्यक्रम यहाँ दिया हुआ है।

हिंदी कविता : सगुण भक्तिकाव्य एवं रीतिकालीन काव्य
Core Course – (DSC) Credits : 3+1
कोर कोर्स 4

COURSE हिंदी कविता : सगुण भक्तिकाव्य एवं रीतिकालीन काव्य
Nature of the Courseकोर कोर्स (DSC) 4
Total Credit 4
Lecture 3
Tutorial1
Practical0

Course Objective:

  • सगुण भक्तिकाव्य एवं रीतिकालीन काव्य का अध्ययन समयावधि की साहित्यिक स्थिति से अवगत कराएगा
  • सामाजिक राजनीतिक – सांस्कृतिक पृष्ठभूमि में कविता के अध्ययन विश्लेषण की जानकारी देना

Course learning outcomes:

  • हिंदी के मध्यकालीन साहित्य का विशिष्ट परिचय प्राप्त होगा ।
  • ब्रजभाषा के समृद्ध साहित्य का रसास्वादन और आलोचनात्मक ज्ञान प्राप्त होगा।

Unit 1

  • गोस्वामी तुलसीदास : रामचरित मानस, (सुन्दर काण्ड ) गीताप्रेस, गोरखपुर

Unit 2

  • सूरदास : भ्रमरगीतसार : (संपादक) आचार्य रामचंद्र शुक्ल (नागरी प्रचारिणी सभा, वाराणसी, नई दिल्ली)
  • पद संख्या – (4,7,21,22,23,24,25,37,52,76,85)

Unit 3

  • केशवदास – रामचंद्रिका : वन-गमन वर्णन
  • बिहारी – बिहारी रत्नाकार श्री जगन्नाथदास ‘रत्नाकार’ (शिवाला, वाराणसी)
  • छंद संख्या 1, 62, 103, 127, 128, 143, 180, 347

Unit 4

  • घनानंद घनानंद (ग्रंथावली) ; संपा, विश्वनाथ प्रसाद मिश्र – (वाणी वितान बनारस – 1 )
  • सुजानहित (1, 4, 7, 18, 19, 38, 41 )
  • भूषण – शिवभूषण तथा प्रकीर्ण रचना, विश्वनाथ प्रसाद मिश्र, छंद संख्या- 50, 104, 411, 420, 443, 512

References:

  • सूरदास – रामचंद्र शुक्ल
  • गोस्वामी तुलसीदास – रामचंद्र शुक्ल
  • भक्ति आन्दोलन और सूरदास का काव्य – मैनेजर पांडेय
  • बिहारी – विश्वनाथ प्रसाद मिश्र
  • भूषण – विश्वनाथ प्रसाद मिश्र
  • गिरिधर कविराय ग्रंथावली संपा, – डॉ. किशोरीलाल गुप्त
  • घनानंद और स्वछंदतावादी काव्यधारा – मनोहरलाल गौड़
  • रीतिकाव्य की भूमिका – डॉ. नगेन्द्र
  • कविवर बिहारीलाल और उनका युग – रणधीर प्रसाद शास्त्री
  • भूषण और उनका साहित्य – राजमल बोरा
  • हिंदी नीतिकाव्य का स्वरूप विकास – रामस्वरूप शास्त्री
  • हिंदी साहित्य का उतरमध्यकाल रीतिकाल – महेंद्र कुमार
  • हिंदी साहित्य का वृहत इतिहास, भाग – संपा. डॉ. नगेन्द्र
  • घनानंद ग्रंथावली – विश्वनाथ प्रसाद मिश्र

Additional Resources:

  • सनेह को मारग – इमरै बंघा
  • आर्या सप्तशती और बिहारी सतसई का तुलनात्मक अध्ययन – कैलाश नारायण
  • हिंदी साहित्य का इतिहास (आदिकाल से रीतिकाल तक ) – पूरनचंद टंडन

Teaching learning process:
कक्षा व्याख्यान सामूहिक चर्चा

  • 1 से 3 सप्ताह – इकाई – 1
  • 4 से 6 सप्ताह – इकाई – 2
  • 7 से 9 सप्ताह – इकाई – 3
  • 10 से 12 सप्ताह – इकाई-4
  • 12 से 14 सप्ताह सामूहिक चर्चा, विशेष व्याख्यान एंव आंतरिक मूल्यांकन संबंधी गतिविधियाँ

Assesment Methods:
टेस्ट, असाइनमेंट

हिंदी साहित्य का इतिहास (आधुनिक काल)
Core Course – (DSC) Credits : 3+1
कोर कोर्स 5

COURSE हिंदी साहित्य का इतिहास ( आधुनिक काल)
Nature of the Courseकोर कोर्स (DSC) 5
Total Credits4
Lecture3
Tutorial1
Practical0

Course Objective:

  • साहित्येतिहास की अध्ययन प्रक्रिया में आधुनिक साहित्य के विकास का परिचय
  • साहित्य के स्वरूप और प्रयोजन का ज्ञान
  • साहित्य और समाज के आपसी रिश्ते और कालजयी कृतियों का परिचय

Course learning outcomes:

  • विकास के क्रम में साहित्य के जरिए समाज और संस्कृति की पहचान के लिए साहित्येतिहास के अध्ययन का महत्व निर्विवाद है।
  • साहित्येतिहास के अध्ययन का एक प्रयोजन साहित्य के विकास की गति और दिशा के साथ-साथ समाज के विकास को भी चिह्नित करना है।
  • साहित्येतिहास के बिना साहित्य – विवेक का उचित विकास और निर्माण संभव नहीं । अतः साहित्य – विवेक के निर्माण के लिए साहित्येतिहास का अध्ययन जरूरी है।

Unit 1

  • मध्यकालीन बोध तथा आधुनिक बोध (नवजागरण की पृष्ठभूमि)
  • नवजागरण की परिस्थितियाँ और भारतेन्दु युग
  • महावीर प्रसाद द्विवेदी हिंदी पत्रकारिता और खड़ी बोली आंदोलन
  • स्वाधीनता आंदोलन और नवजागरणकालीन चेतना का उत्कर्ष, विभिन्न वैचारिक मत और हिंदी साहित्य से उनका संबंध

Unit 2

  • कथा साहित्य का विकास
  • नाटक का विकास
  • निबंध और अन्य गद्य विधाएँ (संस्मरण, यात्रा आख्यान, डायरी, रिपोर्ताज, रेखाचित्र, साक्षात्कार साहित्यिक पत्रकारिता और लघु पत्रिका )
  • आलोचना का विकास

Unit 3

  • छायावाद : परिवेश और प्रवृत्तियाँ
  • उतर छायावाद : परिवेश और प्रवृत्तियाँ
  • प्रगतिवाद : परिवेश और प्रवृत्तियाँ
  • प्रयोगवाद परिवेश और प्रवृत्तियाँ
  • नयी कविता परिवेश और प्रवृत्तियाँ

References:

  1. हिंदी साहित्य का इतिहास – रामचंद्र शुक्ल
  2. हिंदी साहित्य का इतिहास संपादक – नगेन्द्र
  3. हिंदी साहित्य का सरल इतिहास -विश्वनाथ त्रिपाठी
  4. आधुनिक साहित्य की प्रवृतियाँ – नामवर सिंह
  5. हिंदी का गद्य साहित्य – रामचन्द्र तिवारी
  6. हिंदी साहित्य और संवेदना का विकास – रामस्वरूप चतुर्वेदी
  7. हिंदी गद्य विन्यास और विकास – रामस्वरूप चतुर्वेदी
  8. आधुनिक साहित्य – नंददुलारे वाजपेयी

Additional Resources:

  • शिवसिंह सरोज – शिवसिंह सेंगर
  • हिंदी नवरत्न – मिश्र बंधु
  • समकालीन हिंदी कविता – विश्वनाथ प्रसाद तिवारी
  • हिंदी नाटक : नयी परख संपादक – रमेश गौतम
  • कथेतर – माधव हाड़ा
  • भारतेन्दु प्रसाद द्विवेदी और हिंदी नवजागरण – रामविलास शर्मा
  • महावीर प्रसाद द्विवेदी और हिंदी नवजागरण – रामविलास शर्मा
  • छायावाद – नामवर सिंह
  • कविता के नए प्रतिमान – नामवर सिंह
  • तारसप्तक और दूसरा सप्तक (पहला संस्करण और दूसरा संस्करण की भूमिकाएँ) – संपादक अज्ञेय
  • हिंदी नवगीत : उद्भव और विकास – राजेंद्र गौतम
  • सामाजिक न्याय और दलित साहित्य – स. श्यौराज सिंह ‘बेचैन’
  • आधी दुनिया का सच – कुमुद शर्मा
  • आदि- धर्म – रामदयाल मुंडा
  • आदिवासी साहित्य की भूमिका – गंगा सहाय मीणा

Teaching learning process:
कक्षा व्याख्यान सामूहिक चर्चा

  • 1 से 3 सप्ताह – इकाई – 1
  • 4 से 6 सप्ताह – इकाई – 2
  • 7 से 9 सप्ताह – इकाई – 3 –
  • 10 से 12 सप्ताह – इकाई-4
  • 12 से 14 सप्ताह सामूहिक चर्चा, विशेष व्याख्यान एंव आंतरिक मूल्यांकन संबंधी गतिविधियाँ

Assesment Methods:

  • सतत मूल्यांकन
  • असाइनमेंट के द्वारा आंतरिक मूल्यांकन
  • सामूहिक प्रोजेक्ट के द्वारा मूल्यांकन
  • सेमेस्टर के अंत में परीक्षा के द्वारा मूल्यांकन

हिंदी निबंध एवं अन्य गद्य विधाएँ
Core Course – (DSC) Credits : 3+1
कोर कोर्स 6

COURSE हिंदी निबंध एवं अन्य गद्य विधाएँ
Nature of the Courseकोर कोर्स (DSC) 6
Total Credits4
Lecture3
Tutorial1
Practical0

Course Objective:

  • अन्य गद्य विधाओं की जानकारी
  • गद्य – विधाओ की विश्लेषण पद्धति
  • प्रमुख गद्य विधाओं की चुनी हुई रचनाओ का अवलोकन

Course learning outcomes:

  • कथेतर साहित्य का परिचय
  • विश्लेषण और रचना प्रक्रिया की समझ
  • प्रमुख हस्ताक्षरों का परिचय

Unit 1
निबंध

  • बालकृष्ण भट्ट – जातियों का अनूठापन (नेशनल चार्टर) (भट्ट निबंधमाला, द्वितीय भाग, नागरीप्रचारिणी सभा, काशी)
  • सरदार पूर्ण सिंह – आचरण की सभ्यता

Unit 2
निबंध

  • रामचंद्र शुक्ल – करूणा
  • हजारीप्रसाद द्विवेदी – भारतवर्ष की सांस्कृतिक समस्या

Unit 3
जीवनी एवं व्यंग्य

  • रामविलास शर्मा – ‘निराला की साहित्य साधना’ भाग -1 से ‘नए संघर्ष’ शीर्षक अध्याय
  • हरिशंकर परसाई – सदाचार का ताबीज

Unit 4
संरमरण एवं यात्रा-वृतांत

  • संरमरण : अज्ञेय के साथ – आचार्य जानकीवल्लभ शास्त्री, ‘हंसबलाका’ से
  • यात्रा वृतांत : राहुल सांकृत्यायन – अथातो घुमक्कड़ जिज्ञासा

References:

  • हिंदी का गद्य साहित्य – रामचंद्र तिवारी
  • हिंदी साहित्य और संवेदना का विकास – रामस्वरूप चतुर्वेदी
  • रामचंद्र शुक्ल संचयन – सं. नामवर सिंह (साहित्य अकादेमी)
  • हजारी प्रसाद द्विवेदी संकलित निबंध सं. – नामवर सिंह (नेशनल बुक ट्रस्ट, इंडिया)
  • हिंदी आत्मकथा सिद्धांत और स्वरूप विश्लेषण – विनीता अग्रवाल
  • हिंदी गद्य विन्यास और विकास – रामस्वरूप चतुर्वेदी
  • भरतेन्दु युग – रामविलास शर्मा
  • छायावादोतर हिंदी गद्य साहित्य – विश्वनाथ प्रसाद तिवारी
  • आधुनिक हिंदी गद्य का साहित्य – हरदयाल
  • गद्यकार आचार्य जानकीवल्लभ शास्त्री – पाल वसीन
  • साहित्य से संवाद – गोपेश्वर सिंह
  • निबंधों की दुनिया – विजयदेव नारायण साही, प्र.सं. निर्मला जैन, हरिमोहन शर्मा

Teaching learning process:
कक्षा व्याख्यान सामूहिक चर्चा

  • 1 से 3 सप्ताह – इकाई – 1
  • 4 से 6 सप्ताह – इकाई – 2
  • 7 से 9 सप्ताह – इकाई – 3 –
  • 10 से 12 सप्ताह – इकाई-4
  • 12 से 14 सप्ताह सामूहिक चर्चा, विशेष व्याख्यान एंव आंतरिक मूल्यांकन संबंधी गतिविधियाँ

Assesment Methods:

  • सतत मूल्यांकन
  • असाइनमेंट के द्वारा आंतरिक मूल्यांकन
  • सामूहिक प्रोजेक्ट के द्वारा मूल्यांकन
  • सेमेस्टर के अंत में परीक्षा के द्वारा मूल्यांकन


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