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हिन्दी का भौगोलिक विस्तार (hindi ka bhogolik vistar)

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प्रश्न : हिन्दी के भौगोलिक विस्तार को स्पष्ट कीजिए। (hindi ka bhogolik vistar)

उत्तर : हिन्दी भाषा विश्व में बोली जाने वाली भाषाओं में तीसरे स्थान पर है। करीब 609 अरब लोग हिन्दी भाषा का प्रयोग प्राथमिक, और द्वितीयक भाषा के रूप में करते है।

हिन्दी के भौगोलिक क्षेत्र की बात की जाएं तो उसे तीन भागों में देखने की आवश्यकता है। पहला क्षेत्र वहाँ जहाँ हिन्दी बोली, लिखी और समझी श्री जाती है। भाषा विज्ञान की दृष्टि में इसे हिन्दी प्रदेश भी कहा जाता है। कुछ क्षेत्र ऐसे भी है कि जहाँ हिन्दी सिर्फ समझी जाती है और कुछ क्षेत्रों में जनसंख्या का एक अहम हिस्सा हिन्दी को प्राथमिक और द्वितीयक भाषा के रूप इस्तेमाल करता है।

हिन्दी के पहले क्षेत्र में जिसे ‘हिंदी प्रदेश’ कहा जाता है उसमें उत्तर भारत के दस राज्य शामिल है- दिल्ली, उत्तरप्रदेश, झारखण्ड, उत्तराखण्ड, बिहार, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ, राजस्थान, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश। पश्चिम में अम्बाला से लेकर पूर्व में पूर्णिया (बिहार) तक और उत्तर में बद्रीनाथ-केदारनाथ से लेकर दक्षिण में खण्डया (म०प्र०) तक हिन्दी का विस्तार है।

द्वितीय क्षेत्र में महाराष्ट्र, गुजरात, ओडिशा, प. बंगाल, पंजाब, असम राज्य शामिल है जिनकी प्राथमिक भाषाएँ संस्कृत से विकसित हुई। ये राज्य हिन्दी का प्रयोग द्वितीयक भाषा के रूप में करते है।

भारत के बाहर भी कुछ ऐसे क्षेत्र है जहाँ हिन्दी बड़े पैमाने पर बोली जाती है। नेपाल, मॉरीशस, फिजी, त्रिनिदाद, टोबेगो आदि देश महत्त्वपूर्ण है। 12 वां विश्व हिन्दी सम्मेलन 2023 में फिजी के ‘नाडी’ में आयोजित किया गया जो कि हिन्दी के मुकाम को बताता है।

इसके अलावा कुछ अन्य देश भी हिन्दी भाषा बोलने वालों की सूची में शामिल है। भारत से प्रवासित नागरिक और भारतीय मूल के व्यक्ति अमेरिका, इंग्लैण्ड, अफ्रीका और रूस जैसे देशों में हिन्दी का प्रयोग करते हैं।

इस तरह विभिन्न उपभाषाओं और बोलियों के सहयोग से विकसित और समृद्घृत हिन्दी ने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना ली।

hindi ka bhogolik vistar

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