DU B.A. (Prog.)/B.A. (Hons.) Ability Enhancement Course (AEC) First Year Syllabus
यह पाठ्यक्रम बी.ए. प्रोग्राम/बी.ए. ऑनर्स/बी.कॉम./बी.कॉम. ऑनर्स के प्रथम वर्ष में पढ़ाए जाने वाले Ability Enhancement Course (AEC) पेपर का है। इसमें छात्रों को निम्नलिखित तीन पेपर पढ़ाए जाएंगे:
1. हिन्दी भाषा: सम्प्रेषण और संचार (हिन्दी क)
2. हिन्दी औपचारिक लेखन (हिन्दी ख)
3. सोशल मीडिया और ब्लॉग लेखन (हिन्दी ग)
इन तीनों पेपर का विस्तृत पाठ्यक्रम यहाँ दिया गया है।
ABILITY ENHANCEMENT COURSE
offered by
DEPARTMENT OF HINDI
AEC 1: हिन्दी भाषा: सम्प्रेषण और संचार (हिन्दी क)
नोट: उन विद्यार्थियों के लिए जिन्होंने 12वीं कक्षा तक हिन्दी पढ़ी है।
Course Title | Credits | Lecture | Tutorial | Practical | Eligibility Criteria |
हिन्दी भाषा: सम्प्रेषण और संचार | 02 | 02 | — | — | हिन्दी-क (उन विद्यार्थियों के लिए जिन्होंने 12वीं कक्षा तक हिन्दी पढ़ी है।) |
पाठ्यक्रम का उद्देश्य (Learning Objectives):
- सम्प्रेषण के स्वरूप और सिद्धांतों से विद्यार्थियों को परिचित कराना
- सम्प्रेषण के विभिन्न माध्यमों की जानकारी देना
- प्रभावी सम्प्रेषण का गुण विकसित करना
- विद्यार्थी की भाषाई दक्षता और भाषा कौशल को बढ़ावा देना
- संचार माध्यमों के लिए लेखन कौशल का विकास
पाठ्यक्रम अधिगम प्रतिफल (Learning outcomes):
- संप्रेषण की अवधारणा और प्रक्रिया से परिचित हो सकेंगे
- संप्रेषण की तकनीक और कार्यशैली की बहुआयामी समझ का विकास
- प्रभावी सम्प्रेषण करना सीखेंगे
- पत्र-लेखन, प्रतिवेदन, अनुच्छेद लेखन की व्यावहारिक जानकारी प्राप्त कर सकेंगे
- मीडिया के विविध रूपों के लिए लेखन करना
SYLLABUS OF AEC-1
नीचे दिए गए विषयों (लाल रंग वाले) पर क्लिक करके आप उनके बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
इकाई 1: सम्प्रेषण: सामान्य परिचय: (1-7 सप्ताह)
इकाई 2 : सम्प्रेषण और संचार के विविध रूप: (8-15 सप्ताह)
- सम्प्रेषण के प्रकार
- सर्वेक्षण आधारित रिपोर्ट तैयार करना संभावित विषय: (कोरोना और मानसिक स्वास्थ्य,
जागरूकता संबंधी अभियान, कूड़ा निस्तारण योजना) - अनुच्छेद लेखन, संवाद लेखन, डायरी लेखन
- ब्लॉग लेखन, सम्पादकीय लेखन
सहायक पुस्तकें:
- नए जनसंचार माध्यम और हिन्दी: सुधीश पचौरी, अचला शर्मा
- सूचना और सम्प्रेषण: तकनीकी की समझ : स्मिता मिश्र
- सम्प्रेषण: चिन्तन और दक्षता: मंजु मुकुल
- संवाद पथ पत्रिका: केन्द्रीय हिन्दी संस्थान
- हिन्दी का सामाजिक सन्दर्भ: रवीन्द्रनाथ श्रीवास्तव
- सम्प्रेषणपरक व्याकरण: सिद्धांत और स्वरूप: सुरेश कुमार
मूल्यांकन पद्धति: (Assessment Method)
- कुल अंक : 80
- लिखित परीक्षा : 60 अंक
- आंतरिक मल्यांकन : 20 अंक
AEC 2: हिंदी औपचारिक लेखन (हिन्दी ख)
नोट: उन विद्यार्थियों के लिए जिन्होंने 10वीं कक्षा तक हिन्दी पढ़ी है।
Course Title | Credits | Lecture | Tutorial | Practical | Eligibility Criteria |
हिन्दीऔपचारिक लेखन | 02 | 02 | — | — | हिन्दी-ख (उन विद्यार्थियों के लिए जिन्होंने 10वीं कक्षा तक हिन्दी पढ़ी है।) |
पाठ्यक्रम का उद्देश्य (Course Objectives):
- विद्यार्थी की भाषाई दक्षता और लेखन – कौशल को बढ़ावा देना
- कार्यालयी और व्यावसायिक हिंदी की समझ विकसित करना
- हिंदी भाषा दक्षता और तकनीक के अंतः संबंध को रेखांकित करना
- कार्यालयों में व्यावहारिक कार्य के विभिन्न पक्षों से अवगत कराना
- हिन्दी प्रयोग से जुड़े फील्ड वर्क आधारित विश्लेषण और लेखन पर बल
पाठ्यक्रम अधिगम प्रतिफल (Course Learning Outcomes):
- विद्यार्थी कार्यालयी और व्यावसायिक हिंदी की विशेषताओं से परिचित होंगे
- कार्यालयों में होने वाले व्यावहारिक कार्य का ज्ञान
- सूचना के अधिकार के लिए लेखन करना सकेंगे
- मार्केट सर्वेक्षण हेतु प्रश्नावली का निर्माण तथा उसका विश्लेषण करना जानेंगे
- विद्यार्थी टिप्पण, प्रारूपण, प्रतिवेदन, विज्ञप्ति तैयार करना सीख सकेंगे
SYLLABUS OF AEC-2
नीचे दिए गए विषयों (लाल रंग वाले) पर क्लिक करके आप उनके बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
इकाई – 1: लेखन दक्षता का विकास (1-7 सप्ताह)
- कार्यालयी हिंदी
- व्यावसायिक हिंदी
- टिप्पण: सामान्य परिचय
- प्रारूपण: सामान्य परिचय
- प्रतिवेदन और विज्ञप्ति का महत्व
इकाई – 2: औपचारिक लेखन के प्रकार (8-15 सप्ताह)
- स्ववृत्त लेखन
- सूचना के अधिकार के लिए लेखन
- कार्यालयी पत्र लेखन
- व्यावसायिक पत्र लेखन
- किसी व्यावसायिक कार्यक्रम के संदर्भ में प्रेस विज्ञप्ति तैयार करना
सहायक पुस्तकें:
- प्रयोजनमूलक और कार्यालयी हिन्दी: कृष्णकुमार गोस्वामी
- प्रयोजनमूलक हिन्दी की नई भूमिका : कैलाशचन्द्र पाण्डेय
- प्रयोजनमूलक हिन्दी : सिद्धांत और प्रयोग: दंगल झाल्टे
- प्रशासनिक हिन्दी : हरिमोहन, तक्षशिला प्रकाशन
- राजभाषा हिंदी और उसका विकास: हीरालाल बाछोतिया, किताबघर प्रकाशन
मूल्यांकन पद्धति: (Assessment Method)
- कुल अंक : 80
- लिखित परीक्षा : 60 अंक
- आंतरिक मूल्यांकन : 20 अंक
AEC 3: सोशल मीडिया और ब्लॉग लेखन (हिन्दी ग)
नोट: उन विद्यार्थियों के लिए जिन्होंने 8वीं कक्षा तक हिन्दी पढ़ी है।
Course Title | Credits | Lecture | Tutorial | Practical | Eligibility Criteria |
सोशल मीडिया और ब्लॉग लेखन | 02 | 02 | — | — | हिन्दी-ग (उन विद्यार्थियों के लिए जिन्होंने 8वीं कक्षा तक हिन्दी पढ़ी है।) |
पाठ्यक्रम का उद्देश्य (Course Objectives):
- हिंदी सोशल मीडिया के विभिन्न माध्यमों की जानकारी
- सोशल मीडिया की कार्यशैली की समझ
- सोशल मीडिया के महत्व और प्रभाव से मूल्यांकन
- ब्लॉग बनाना और लेखन
- सोशल मीडिया का व्यावहारिक ज्ञान
पाठ्यक्रम अधिगम प्रतिफल (Course Learning Outcomes):
- सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की जानकारी मिलेगी।
- सोशल मीडिया की कार्य- शैली की समझ विकसित होगी।
- ब्लॉग लेखन करने के साथ हिंदी के प्रमुख ब्लॉगों का अध्ययन और विश्लेषण कर सकेंगे।
- सोशल मीडिया के महत्व और उसकी भूमिका को रेखांकित कर सकेंगे।
- विद्यार्थी सोशल मीडिया पर कार्य करना सीख सकेंगे
SYLLABUS OF AEC-3
नीचे दिए गए विषयों (लाल रंग वाले) पर क्लिक करके आप उनके बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
इकाई 1: सोशल मीडिया और ब्लॉग (1-7 सप्ताह)
- सोशल मीडिया : अर्थ और परिभाषा
- सोशल मीडिया का प्रभाव और महत्व
- सोशल मीडिया के प्रकार (विकीपीडिया, ब्लॉग, सोशल नेटवर्किंग साइट्स, ट्विटर, यूट्यूब, इन्स्टाग्राम आदि)
- ब्लॉग लेखन: सामान्य परिचय
इकाई 2: सोशल मीडिया का व्यावहारिक पक्ष (8-15 सप्ताह)
- किसी सामाजिक अभियान के प्रचार के लिए सोशल मीडिया हेतु एक विज्ञापन तैयार करना
- अपना निजी ब्लॉग तैयार करने की प्रक्रिया
- सोशल मीडिया से बनने वाली किसी खबर पर रिपोर्ट तैयार करना
- सोशल मीडिया से सम्बन्धित विविध विषयों पर आलेख तैयार करना
सहायक पुस्तकें:
- सामाजिक मीडिया और हम : रवीन्द्र प्रभात, नोशन प्रेस
- सोशल मीडिया: स्वर्ण सुमन, हार्पर कॉलिन्स पब्लिशर इण्डिया
- भूमंडलीकरण और मीडिया: कुमुद शर्मा
- मीडिया और हिन्दी : बदलती प्रवृतियाँ: रविन्द्र जाधव, वाणी प्रकाशन
- रेडियो लेखन, मधुकर गंगाधर, बिहार हिंदी ग्रंथ अकादमी, पटना, प्रथम संस्करण- 1974
- रेडियो वार्ता शिल्प, सिद्धनाथ कुमार, राधाकृष्ण प्रकाशन, नई दिल्ली, प्रथम प्रकाशन- 1992
मूल्यांकन पद्धति: (Assessment Method)
- कुल अंक : 80
- लिखित परीक्षा : 60 अंक
- आंतरिक मूल्यांकन: 20 अंक