DU B.A. Hindi (Hons.) 2nd Semester Syllabus Generic Elective (G.E.)

यह पाठ्यक्रम बी.ए. हिन्दी ऑनर्स के द्वितीय सेमेस्टर के Generic Elective (G.E.) पेपर का है। इसमें छात्रों को निम्नलिखित तीन पेपर पढ़ाए जाएंगे:
1. पटकथा और संवाद लेखन
2. भाषा और समाज
3. हिन्दी भाषा और लिपि का इतिहास
इन तीनों पेपर का विस्तृत पाठ्यक्रम यहाँ दिया गया है।
पटकथा और संवाद लेखन
Generic Elective – (GE) /Language
Core Course – (GE) Credits : 4
COURSE | पटकथा और संवाद लेखन |
Nature of the Course | GE / Language |
Total Credits | 4 |
Lecture | 3 |
Tutorial | 1 |
Practical | 0 |
Course Objective:
- विद्यार्थी को पटकथा लेखन की तकनीक को समझना
- विद्यार्थियों में साहित्यिक विधाओं का पटकथा में रूपांतरण तथा संवाद लेखन की समझ विकसित करना।
Course learning outcomes:
- पटकथा क्या है समझेंगे।
- पटकथा और संवाद में दक्षता हासिल करेंगे।
- पटकथा लेखन को आजीविका का माध्यम बना सकेंगे
Unit 1
- पटकथा अवधारणा और स्वरूप
- पटकथा लेखन के तत्व
- पटकथा लेखन की प्रक्रिया
Unit 2
- फीचर फिल्म की पटकथा
- डॉक्यूमेंट्री की पटकथा
- धारावाहिक की पटकथा
Unit 3
- संवाद लेखन की प्रक्रिया
- संवाद लेखन की विशेषताएँ
- संवाद संरचना
Unit 4
- टी.वी. धारावाहिक का संवाद लेखन
- डॉक्यूमेंट्री का संवाद लेखन
- फीचर फिल्म का संवाद लेखन
References:
- पटकथा लेखन : मनोहर श्याम जोशी
- कथा पटकथा : मन्नू भंडारी
- टेलीविजन लेखन : असगर वजाहत, प्रभात रंजन
- रेडियो लेखन: मधुकर गंगाधर
Teaching learning process:
कक्षा व्याख्यान सामूहिक चर्चा
- 1 से 3 सप्ताह – इकाई – 1
- 4 से 6 सप्ताह – इकाई – 2
- 7 से 9 सप्ताह – इकाई – 3 –
- 10 से 12 सप्ताह – इकाई-4
- 12 से 14 सप्ताह सामूहिक चर्चा, विशेष व्याख्यान एंव आंतरिक मूल्यांकन संबंधी गतिविधियाँ
Assesment Methods:
- सतत मूल्यांकन
- असाइनमेंट के द्वारा आंतरिक मूल्यांकन
- सामूहिक प्रोजेक्ट के द्वारा मूल्यांकन
- सेमेस्टर के अंत में परीक्षा के द्वारा मूल्यांकन
भाषा और समाज
Generic Elective – (GE) /Language
Core Course – ( GE) Credits : 4
COURSE | भाषा और समाज |
Nature of the Course | GE / Language |
Total Credits | 4 |
Lecture | 3 |
Tutorial | 1 |
Practical | 0 |
Course Objective:
- भाषा और समाज के अंतरसंबंध की जानकारी
- समाज में भाषा के व्यवहार की जानकारी
- सफल सम्प्रेषण के लिए कौशल विकास
Course learning outcomes:
- समाजभाषाविज्ञान का अध्ययन
- सम्प्रेषण की सामाजिक समझ
- भाषा के समाजशास्त्र का अध्ययन
Unit 1
Unit 2: भाषाई विविधता और भाषिक समुदाय
Unit 3
Unit 4: भाषा सर्वेक्षण
References:
- भाषा और समाज – रामविलास शर्मा
- हिंदी भाषा चिंतन – दिलीप सिंह
- आलोचना की सामाजिकता – मैनेजर पांण्डेय
- सांझी सांस्कृतिक विरासत के आईने में भारतीय साहित्य – मंजु मुकुल, हर्ष बाला
Additional Resources:
- Socio Linguistics: An Introduction to Language and Society – Peter Trudgill
- Socio Linguistics – Ronald Wordhaugh
- An Introduction to Socio Linguistics – R. A. Hudson
- The Shadow of Language – George Yule
Teaching learning process:
कक्षा व्याख्यान सामूहिक चर्चा
- 1 से 3 सप्ताह – इकाई – 1
- 4 से 6 सप्ताह – इकाई – 2
- 7 से 9 सप्ताह – इकाई – 3
- 10 से 12 सप्ताह – इकाई-4
- 12 से 14 सप्ताह सामूहिक चर्चा, विशेष व्याख्यान एंव आंतरिक मूल्यांकन संबंधी गतिविधियाँ
Assesment Methods:
- सतत मूल्यांकन
- असाइनमेंट के द्वारा आंतरिक मूल्यांकन
- सामूहिक प्रोजेक्ट के द्वारा मूल्यांकन
- सेमेस्टर के अंत में परीक्षा के द्वारा मूल्यांकन
हिंदी भाषा और लिपि का इतिहास
Generic Elective – (GE) /Language
Core Course – (GE) Credits : 4
COURSE | हिंदी भाषा और लिपि का इतिहास |
Nature of the Course | GE / Language |
Total Credits | 4 |
Lecture | 3 |
Tutorial | 1 |
Practical | 0 |
Course Objective:
इस पाठ्यक्रम का उद्देश्य हिंदी भाषा और लिपि के आरंभिक रूप से लेकर आधुनिक काल की विकास यात्रा को बताना है। भारत के संविधान में देवनागरी लिपि में लिखित हिंदी को संघ की राजभाषा घोषित किया गया है। हिंदी को पढ़ने वाले विद्यार्थियों के लिए पाठ्यक्रम के आरंभ में ही हिंदी भाषा संबंधी सामान्य जानकारी देना अत्यंत आवश्यक है। साथ ही पूरी दुनिया वैश्वीकरण युग में प्रवेश कर गई है। बाज़ार और व्यवसाय ने देशों की सीमाएँ लाँघ ली है । अतः ऐसे में भाषा का मजबूत होना आवश्यक है। यह पाठ्यक्रम बाज़ारवाद और भूमंडलीकरण की वैश्विक गति के बीच से ही हिंदी भाषा और उसकी लिपि के माध्यम से ही राष्ट्रीय प्रगति को भी सुनिश्चित करेगा क्योंकि सशक्त भाषा के बिना किसी राष्ट्र की उन्नति संभव नहीं है। यह पाठ्यक्रम वर्तमान संदर्भों के अनुकूल है। साथ ही इस पाठ्यक्रम का आधुनिक रूप रोजगारपरक भी है। कंप्यूटर को हिंदी से जोड़ना विद्यार्थियों को व्यावहारिक पहलू से अवगत करा सकेगा।
Course learning outcomes:
- इस पाठ्यक्रम के शिक्षण के निम्नलिखित परिणाम सामने आएँगे:
- उपर्युक्त पाठ्यक्रम के माध्यम से हिंदी भाषा के सैद्धांतिक पहलू के साथ व्यावहारिक रूप का ज्ञान प्राप्त किया जा सकेगा
- हिंदी भाषा की उच्च शैक्षिक स्तर की भूमिका के महत्वपूर्ण पक्ष को जाना जा सकेगा।
- कंप्यूटर को हिंदी भाषा से जोड़ने पर हिंदी भाषा के व्यावहारिक ज्ञान को प्राप्त किया जा सकता
है - वैश्विक युग में भाषा को सिद्धांतों के साथ-साथ व्यावहारिक रूप से भी जोड़ना होगा। अतः पाठ्यक्रम वर्तमान संदर्भों के भी अनुकूल है।
- भाषा के बदलते परिदृश्य को आरंभ से अब तक की प्रक्रिया में समझना बहुत आवश्यक है। यह पाठ्यक्रम भाषा के आरंभ से लेकर वर्तमान को विविध आयामों में प्रस्तुत करता है जो विद्यार्थियों के लिए उपयोगी होगा।
- शिक्षा को रोजगार से जोड़ना अत्यंत अनिवार्य है । यह पाठ्यक्रम भाषा की इस मांग को भी प्रस्तुत करता है।
Unit 1
हिंदी भाषा के विकास की पूर्वपीठिका
- भारोपीय भाषा-परिवार एवं आर्यभाषाएँ (पालि, प्राकृत, अपभ्रंश आदि)
- हिंदी का आरंभिक रूप
- ‘हिंदी’ शब्द का अर्थ एवं प्रयोग
- हिंदी का विकास (आदिकाल, मध्यकाल, आधुनिककाल)
Unit 2
हिंदी भाषा का क्षेत्र एंव विस्तार
- हिंदी भाषा क्षेत्र एवं बोलियाँ
- हिंदी के विविध रूप (बोलचाल की भाषा, राष्ट्रभाषा, राजभाषा, संपर्क-भाषा)
- हिंदी का अखिल भारतीय स्वरूप
Unit 3
लिपि का इतिहास
- भाषा और लिपि का अंतरसंबंध
- लिपि के आरंभिक रूप (चित्रलिपि, भावलिपि, ध्वनि-लिपि)
- भारत में लिपि का विकास
Unit 4
देवनागरी लिपि
- देवनागरी लिपि का परिचय एंव विकास
- देवनागरी लिपि का मानकीकरण
- देवनागरी लिपि की विशेषताएँ
- देवनागरी लिपि और कम्प्यूटर
References:
- हिंदी भाषा का इतिहास – धीरेंद्र वर्मा
- भारतीय पुरालिपि – डॉ. रामबली पाण्डेय (लोकभारती प्रकाशन)
- हिंदी भाषा का उद्गम और विकास – उदयनारायण तिवारी
- लिपि की कहानी – गुणाकर मुले
- हिंदी भाषा की पहचान से प्रतिष्ठा तक – डॉ. हनुमानप्रसाद शुक्ल
- भाषा और समाज – रामविलास शर्मा
Teaching learning process:
कक्षा व्याख्यान सामूहिक चर्चा
- 1 से 3 सप्ताह – इकाई – 1
- 4 से 6 सप्ताह – इकाई – 2
- 7 से 9 सप्ताह – इकाई – 3 –
- 10 से 12 सप्ताह – इकाई-4
- 12 से 14 सप्ताह सामूहिक चर्चा, विशेष व्याख्यान एंव आंतरिक मूल्यांकन संबंधी गतिविधियाँ
Assesment Methods:
- सतत मूल्यांकन
- असाइनमेंट के द्वारा आंतरिक मूल्यांकन
- सामूहिक प्रोजेक्ट के द्वारा मूल्यांकन
- सेमेस्टर के अंत में परीक्षा के द्वारा मूल्यांकन