हिंदी साहित्य की ओर एक कदम।

DU AEC: Hindi-D Study Material

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इकाई-1: लिपि ज्ञान

वर्ण माला: वर्णों के व्यवस्थित समूह को वर्णमाला कहते हैं।
नोट- भाषा की सबसे छोटी इकाई जिसके खंड नहीं किए जा सकते, वर्ण कहलाते हैं।

स्वर: स्वर ऊँ ध्वनियों को कहते हैं, जिनका किसी दूसरे वर्णों की सहायता के बिना उच्चारण किया जाता है।
जैसे- अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ऋ, ए, ऐ, ओ, औ।
स्वर वर्णों की संख्या 11 है।

व्यंजन: जिन वर्णों का उच्चारण स्वर की सहायता के बिना नहीं किया जा सकता, उन्हें व्यंजन कहा जाता है।
हिन्दी में उच्चारण के आधार पर 41 तथा लेखन के आधार पर 45 व्यंजन होते हैं। (4 संयुक्त व्यंजन)

संयुक्त व्यंजन: जो व्यंजन दो या दो से अधिक व्यंजनों के मिलने से बनते हैं, उन्हें संयुक्त व्यंजन कहा जाता है।
हिन्दी वर्णमाला में ऐसे कुल 4 व्यंजन हैं। जैसे- क्ष, त्र, ज्ञ, श्र।

अनुस्वार एवं अनुनासिक: अनुस्वार का शाब्दिक अर्थ है- अनु+स्वर अर्थात स्वर के बाद आने वाला। अनुस्वार स्वर के बाद आने वाला वतांजन है। इसकी ध्वनि नाक से निकलती है। अनुस्वार पंचम वर्ण अर्थात ड़, ञ, ण, न, म की जगह प्रयुकत किए जाते हैं। हिन्दी भाषा की लिपि में अनुस्वार का चिन्ह बिन्दु (ं) होता है।

जिन स्वरों का उच्चारण मुख और नासिक दोनों से किया जाता है, वे अनुनासिक कहलाते हैं। हिन्दी भाषा कि लिपि में अनुनासिक का चिन्ह चंद्र बिन्दु (ँ) होता है। जैसे चाँद, ऊँट आदि।

विराम चिन्ह: लिखते समय रुकने या ठहरने का भाव प्रदर्शित करने वाले चिन्हों को विराम चिन्ह कहा जाता है। जैसे- अल्प विराम, अर्द्ध विराम आदि।

संज्ञा एवं सर्वनाम: किसी व्यक्ति, वस्तु, स्थान, जानवर आदि के नाम को संज्ञा कहते हैं। जैसे-बुढ़ापा, जलेबी, कार आदि।
किसी संज्ञा के स्थान पर प्रयुक्त होने वाला शब्द सर्वनाम कहलाता है। जैसे- मैं, हम, तुम आदि।

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