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Study Material For UG
Thithurta Hua Gantantra ठिठुरता हुआ गणतंत्र : हरिशंकर परसाई
'ठिठुरता हुआ गणतंत्र' (thithurta hua gantantra) हरिशंकर परसाई के महत्वपूर्ण व्यंग्यों में से एक है। इसके ज़रिए परसाई ने भारत के गणतंत्र और रोब-दाब तथा ठाट-बाट वाली राज व्यवस्था पर गहरी चोट की है। गणतंत्र दिवस पर दिखाई जाने वाली झांकियों और!-->…
Sudama Ke Chawal सुदामा के चावल (व्यंग्य) : हरिशंकर…
"सुदामा के चावल" (Sudama Ke Chawal) हरिशंकर परसाई द्वारा लिखा गया एक प्रसिद्ध व्यंग्य है। यह कहानी सुदामा और कृष्ण के बीच की मित्रता पर आधारित है, लेकिन इसे वर्तमान समय के संदर्भ में प्रस्तुत किया गया है, जहाँ भ्रष्टाचार और स्वार्थ की!-->…
Dadi Amma Kahani दादी-अम्मा: कृष्णा सोबती
कृष्णा सोबती की कहानी "दादी अम्मा" (Dadi Amma Kahani) में, लेखिका ने एक वृद्ध महिला (दादी अम्मा) के उपेक्षित जीवन और उनकी व्यथा का वर्णन किया है। कहानी में, दादी अम्मा एक भरे-पूरे परिवार (पति, बेटे-बहू, पोते-पोतियां, आदि) के साथ होते हुए!-->…
Sikka badal gaya सिक्का बदल गया : कृष्णा सोबती
"सिक्का बदल गया" (Sikka badal gaya Kahani) कृष्णा सोबती द्वारा लिखी गई एक प्रसिद्ध कहानी है, जो भारत के विभाजन के समय की पृष्ठभूमि पर आधारित है। यह कहानी एक विधवा महिला शाहनी के इर्द-गिर्द घूमती है, जो अपने गाँव और जमीन-जायदाद को!-->…
Rasta idhar se hai (रास्ता इधर से है) : रघुवीर सहाय-कहानी
'रास्ता इधर से है' (Rasta idhar se hai) रघुवीर सहाय द्वारा लिखी गई है। यह कहानी उनके कहानी संग्रह 'रास्ता इधर से है' का हिस्सा है जो सन् 1972 में प्रकाशित हुआ था।
वह एक वाहियात दिन था। सब कुछ शांत था सुनाई पड़ सकती थी इतने मोटे गलीचे!-->!-->!-->…
हिंदी : रघुवीर सहाय Hindi Kavita : Raghuvir…
रघुवीर सहाय 'हिन्दी भाषा' के एक बहुत बड़े पैरोकार के रूप में हमें दिखाए देते हैं, जो अपनी कविताओं के माध्यम से निरंतर इस मुद्दे को समाज में उठाते रहे हैं। अंग्रेज़ी की महत्ता और हिन्दी को मिलने वाले सम्मान में कमी उन्हें तकलीफ देती थी, जिसका!-->…
अधिनायक : रघुवीर सहाय (व्याख्या सहित) Adhinayak Kavita
रघुवीर सहाय द्वारा रचित अधिनायक कविता (Adhinayak Kavita) भारतीय लोकतंत्र व्यवस्था पर प्रश्न चिन्ह खड़ा करती है। यह कविता ऐसी व्यवस्था पर व्यंग्य करती है जो सत्ता के रोब-दाब और ठाट-बाट से लोगों पर शासन करने की मंशा रखती है। कविता का पाठ नीचे!-->…
हँसो हँसो जल्दी हँसो (कविता) : रघुवीर सहाय Hanso Hanso Jaldi Hanso
हँसो हँसो जल्दी हँसो (Hanso Hanso Jaldi Hanso) :
हँसो तुम पर निगाह रखी जा रही जा रही है
हँसो अपने पर न हँसना क्योंकि उसकी कड़वाहट पकड़ ली जाएगीऔर तुम मारे जाओगेऐसे हँसो कि बहुत खुश न मालूम होवरना शक होगा कि यह शख़्स शर्म में!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->…
स्वाधीन व्यक्ति : रघुवीर सहाय (Swadhin Vyakti Kavita)
यह कविता स्वाधीन व्यक्ति (swadhin vyakti kavita) एक कवि के मन में चल रहे द्वन्द्व को दिखाती है और अंत में एक स्वाधीन व्यक्ति के रूप में सामने आता है।
इस अन्धेरे में कभी-कभीदीख जाती है किसी की कविताचौंध में दिखता है एक और कोई कवि
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देवी (कहानी) : सूर्यकांत त्रिपाठी निराला Devi (Kahani) : Nirala
देवी (devi kahani nirala) सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' द्वारा लिखी गई बहुत ही मार्मिक कहानी है। कहानी का पाठ नीचे दिया गया है।
1बारह साल तक मकड़े की तरह शब्दों का जाल बुनता हुआ मैं मक्खियाँ मारता रहा। मुझे यह ख्याल था कि मैं साहित्य की!-->!-->!-->…