हिंदी साहित्य की ओर एक कदम।
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B.A (Programme)

हिन्दी भाषा का उद्भव और विकास

आधुनिक भारतीय भाषाओं का सामान्य परिचय 'हिन्दी' वस्तुतः फारसी भाषा का शब्द है। इसका अर्थ है- हिन्दी का या हिंद से सम्बन्धित। 'हिन्दी' शब्द की निष्पत्ति सिन्धु-सिंध से हुई है क्योंकि ईरानी भाषा में 'स' को 'ह' बोला जाता है। इस प्रकार

रीतिकाल: प्रमुख प्रवृत्तियाँ|| रीतिसिद्ध, रीतिमुक्त, रीतिबद्ध काव्य।

रीतिबद्ध काव्य           रीतिबद्ध काव्य मुख्यतः शास्त्रीय स्वरूप के उद्घाटन में नियोजित था। जिसके परिणाम स्वरूप उसमें विभिन्न काव्यरीतियों का बंधन पाया जाता है। यह काव्यधारा उन कवियों की है जिन्होंने लक्षण ग्रंथों की परिपाटी पर

रीतिकाल: सामान्य परिचय|| नामकरण विषयक विभिन्न मतों की समीक्षा।

सामान्य परिचय हिन्दी साहित्य में संवत् 1700 से 1900 तक का समय रीतिकाल के नाम से जाना जाता है। भक्तिकाल को हिन्दी साहित्य का पूर्व मध्यकाल और रीतिकाल को उत्तर-मध्यकाल भी कहा जाता है। भक्तिकाल और रीतिकाल दोनों के काल को हिन्दी साहित्य का

निर्गुण भक्ति धारा: संत, सूफी काव्य।

निर्गुण : ज्ञानाश्रयी संत काव्यधारा 14वीं सदी के मध्य से 17वीं सदी के मध्य तक भक्ति का अनवरत प्रवाह भारत की कोटि-कोटि दलित शोषित जनता के लिए शक्ति और स्फूर्ति का पर्याय रहा, इसलिए ग्रियर्सन से लेकर रामविलास शर्मा तक

भक्ति आंदोलन: उद्भव और विकास

भक्ति आंदोलन उद्भव और विकास भक्ति आंदोलन का उद्भव हिन्दी साहित्येतिहास के सर्वाधिक विवादास्पद प्रसंगों में से एक है। पूर्व मध्यकाल में जिस भक्ति धारा ने अपने आन्दोलनात्मक सामर्थ्य से समूचे राष्ट्र की शिराओं में नया रक्त प्रवाहित किया,

आदिकाल की प्रमुख प्रवृत्तियाँ|| रासो, धार्मिक एवं लौकिक साहित्य- PDF

आदिकाल : सिद्ध काव्य सिद्धों का परिचय हिन्दी साहित्य के आदिकाल में सिद्ध काव्यधारा का उद्भव जैन काव्यधारा के समान्तर देख जा सकता है जो प्रायः 8वीं सदी के मध्य से आरम्भ हो जाता है। सिद्ध वज्रयानी थे, वज्रयान बौद्ध धर्म की एक

आदिकाल: काल विभाजन और नामकरण|| उद्भव और विकास

आदिकाल हिन्दी साहित्य के इतिहास के प्रथम चरण को जॉर्ज ग्रियर्सन अपनी पुस्तक "The Modern Vernacular Literature of Hindustan" में चारण काल कहकर संबोधित करते हैं, वे इस काल की आरंभिक सीमा को 643 ई. मानते हैं। लेकिन वे विभाजन और नामकरण के

बादल को घिरते देखा है : नागार्जुन (व्याख्या) badal ko ghirte dekha hai

कविता "बादल को घिरते देखा है" (badal ko ghirte dekha hai) नागार्जुन के कविता संग्रह "युगधारा" से ली गई है। इस कविता में नागार्जुन ने प्रकृति का अति मनमोहक वर्णन किया है जिसमें उन्होंने बादलों को केंद्र में रखा है। इसमें उन्होंने बादल के

B.A. (Prog.) Generic Hindi Language Syllabus 1st Year

हिन्दी-'क' 'हिंदी-क' (उन विद्यार्थियों के लिए जिन्होंने 12वीं कक्षा तक हिंदी पढ़ी है।) हिंदी : भाषा और साहित्य Course Objective (2-3): हिंदी भाषा और साहित्य की सामान्य जानकारी विकसित करना। राष्ट्रभाषा, राजभाषा और संपर्क