हिंदी साहित्य की ओर एक कदम।
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B.A (Programme)

दोपहर का भोजन (कहानी) : अमरकांत PDF

लेखक : अमरकांत सिद्धेश्वरी ने खाना बनाने के बाद चूल्हे को बुझा दिया और दोनों घुटनों के बीच सिर रखकर शायद पैर की उँगलियाँ या ज़मीन पर चलते चींटे - चींटियों को देखने लगी। अचानक उसे मालूम हुआ कि बहुत देर से उसे प्यास लगी है। वह मतवाले की

वापसी (कहानी) : उषा प्रियंवदा PDF

लेखिका : उषा प्रियंवदा गजाधर बाबू ने कमरे में जमा सामान पर एक नज़र दौड़ाई-दो बक्स, डोलची, बालटी–“यह डिब्बा कैसा है, गनेशी?” उन्होंने पूछा। गनेशी बिस्तर बाँधता हुआ, कुछ गर्व, कुछ दुःख, कुछ लज्जा से बोला-“घरवाली ने साथ को कुछ बेसन के

वारिस(कहानी) : मोहन राकेश PDF

लेखक: मोहन राकेश घड़ी में तीन बजते ही सीढ़ियों पर लाठी की खट्‌-खट्‌ होने लगती और मास्टरजी अपने गेरुआ बाने में ऊपर आते दिखायी देते. खट्‌-खट्‌ आवाज़ सुनते ही हम भागकर बैठक में पहुंच जाते और अपनी कापियां और किताबें ठीक करते हुए ड्योढ़ी की

चीफ़ की दावत (कहानी) : भीष्म साहनी PDF

लेखक : भीष्म साहनी शामनाथ और उनकी धर्मपत्नी को पसीना पोंछने की फुर्सत न थी। पत्नी ड्रेसिंग गाउन पहने, उलझे हुए बालों का जूड़ा बनाए मुँह पर फैली हुई सुर्खी और पाउडर को मले और मिस्टर शामनाथ सिगरेट पर सिगरेट फूँकते हुए चीज़ों की फ़ेहरिस्त

तीसरी कसम (कहानी): फणीश्वरनाथ रेणु PDF

लेखक: फणीश्वरनाथ रेणु हिरामन गाड़ीवान की पीठ में गुदगुदी लगती है…. पिछले बीस साल से गाड़ी हाँकता है हिरामन । बैलगाड़ी। सीमा के उस पार मोरंग राज नेपाल से धान और लकड़ी ढो चुका है। कंट्रोल के जमाने में चोरबाजारी का माल इस पार से उस पार

पंच परमेश्वर (कहानी) : मुंशी प्रेमचंद PDF

लेखक: मुंशी प्रेमचंद 1 जुम्मन शेख अलगू चौधरी में गाढ़ी मित्रता थी। साझे में खेती होती थी। कुछ लेन-देन में भी साझा था। एक को दूसरे पर अटल विश्वास था। जुम्मन जब हज करने गये थे, तब अपना घर अलगू को सौंप गये थे, और अलगू जब कभी बाहर

उसने कहा था: चंद्रधर शर्मा गुलेरी की कहानी

लेखक: चंद्रधर शर्मा गुलेरी बड़े-बडे़ शहरों के इक्के-गाड़ी वालों की जबान के कोड़ों से जिनकी पीठ छिल गई है और कान पक गए हैं, उनसे हमारी प्रार्थना है कि अमृतसर के बम्बू कार्ट वालों की बोली का मरहम लगाएं। जबकि बड़े शहरों की चौड़ी सड़कों पर

B.A. Prog. Hindi Syllabus, Semester-I/II, Delhi University

Discipline Specific Core-1 हिन्दी भाषा और साहित्य का इतिहास Course Objective (2-3) हिंदी भाषा और साहित्य के इतिहास का परिचय प्राप्त होगा। साहित्य इतिहास के विभिन्न कालों की प्रमुख प्रवृत्तियों की आलोचनात्मक समझ विकसित होगी।

हिन्दी भाषा का विकास: आदिकालीन, मध्यकालीन एवं आधुनिक हिन्दी

प्रारंभिक हिन्दी परिचय: हिन्दी भाषा का इतिहास लगभग एक हजार वर्ष पुराना माना गया है। सामान्यत: प्राकृत की अन्तिम अवस्था अपभ्रंश से ही हिन्दी साहित्य का अविर्भाव स्वीकार किया जाता है। उस समय अपभ्रंश के कई रूप थे और उनमें सातवीं-आठवीं