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B.A. (Hons.) Hindi
DU B.A.(Hons.) Hindi Previous Year Paper Semester-II DSC-5 PDF
Unique Paper Code2052101202Name of th PaperHindi Sahitya Ka Itihaas (Aadhunik Kal)Name of the CourseB.A.(Hons.) Hindi, DSC-5SemesterIIDuration3 HoursMaximum Marks90
छात्रों के लिए निर्देश :
इस प्रश्न-पत्र के मिलते ही ऊपर दिए गए!-->!-->!-->!-->!-->!-->…
B.A. Hons. (Hindi) Syllabus, Semester-III DSC & DSE PDF
DEPARTMENT OF HINDI
भारतीय साहित्यCore Course – (DSC) Credits: 4
Course Nature of Course Total CreditLecture TutorialPracticalEligiblity CriteriaPre-requisite of the courseभारतीय साहित्य कोर कोर्स (DSC-7)431012th Pass Nil
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हिन्दी भाषा का विकास: आदिकालीन, मध्यकालीन एवं आधुनिक हिन्दी
प्रारंभिक हिन्दी
परिचय:
हिन्दी भाषा का इतिहास लगभग एक हजार वर्ष पुराना माना गया है। सामान्यत: प्राकृत की अन्तिम अवस्था अपभ्रंश से ही हिन्दी साहित्य का अविर्भाव स्वीकार किया जाता है। उस समय अपभ्रंश के कई रूप थे और उनमें सातवीं-आठवीं!-->!-->!-->!-->!-->…
हिन्दी भाषा का उद्भव और विकास
आधुनिक भारतीय भाषाओं का सामान्य परिचय
'हिन्दी' वस्तुतः फारसी भाषा का शब्द है। इसका अर्थ है- हिन्दी का या हिंद से सम्बन्धित। 'हिन्दी' शब्द की निष्पत्ति सिन्धु-सिंध से हुई है क्योंकि ईरानी भाषा में 'स' को 'ह' बोला जाता है। इस प्रकार!-->!-->!-->…
रीतिकाल: प्रमुख प्रवृत्तियाँ|| रीतिसिद्ध, रीतिमुक्त, रीतिबद्ध काव्य।
रीतिबद्ध काव्य
रीतिबद्ध काव्य मुख्यतः शास्त्रीय स्वरूप के उद्घाटन में नियोजित था। जिसके परिणाम स्वरूप उसमें विभिन्न काव्यरीतियों का बंधन पाया जाता है। यह काव्यधारा उन कवियों की है जिन्होंने लक्षण ग्रंथों की परिपाटी पर!-->!-->!-->…
रीतिकाल: सामान्य परिचय|| नामकरण विषयक विभिन्न मतों की समीक्षा।
सामान्य परिचय
हिन्दी साहित्य में संवत् 1700 से 1900 तक का समय रीतिकाल के नाम से जाना जाता है। भक्तिकाल को हिन्दी साहित्य का पूर्व मध्यकाल और रीतिकाल को उत्तर-मध्यकाल भी कहा जाता है। भक्तिकाल और रीतिकाल दोनों के काल को हिन्दी साहित्य का!-->!-->!-->…
निर्गुण भक्ति धारा: संत, सूफी काव्य।
निर्गुण : ज्ञानाश्रयी संत काव्यधारा
14वीं सदी के मध्य से 17वीं सदी के मध्य तक भक्ति का अनवरत प्रवाह भारत की कोटि-कोटि दलित शोषित जनता के लिए शक्ति और स्फूर्ति का पर्याय रहा, इसलिए ग्रियर्सन से लेकर रामविलास शर्मा तक!-->!-->!-->…
भक्ति आंदोलन: उद्भव और विकास
भक्ति आंदोलन उद्भव और विकास
भक्ति आंदोलन का उद्भव हिन्दी साहित्येतिहास के सर्वाधिक विवादास्पद प्रसंगों में से एक है। पूर्व मध्यकाल में जिस भक्ति धारा ने अपने आन्दोलनात्मक सामर्थ्य से समूचे राष्ट्र की शिराओं में नया रक्त प्रवाहित किया,!-->!-->!-->…
आदिकाल की प्रमुख प्रवृत्तियाँ|| रासो, धार्मिक एवं लौकिक साहित्य- PDF
आदिकाल : सिद्ध काव्य
सिद्धों का परिचय
हिन्दी साहित्य के आदिकाल में सिद्ध काव्यधारा का उद्भव जैन काव्यधारा के समान्तर देख जा सकता है जो प्रायः 8वीं सदी के मध्य से आरम्भ हो जाता है।
सिद्ध वज्रयानी थे, वज्रयान बौद्ध धर्म की एक!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->…
आदिकाल: काल विभाजन और नामकरण|| उद्भव और विकास
आदिकाल
हिन्दी साहित्य के इतिहास के प्रथम चरण को जॉर्ज ग्रियर्सन अपनी पुस्तक "The Modern Vernacular Literature of Hindustan" में चारण काल कहकर संबोधित करते हैं, वे इस काल की आरंभिक सीमा को 643 ई. मानते हैं। लेकिन वे विभाजन और नामकरण के!-->!-->!-->!-->…