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भाषा और समाज
भाषा और जाति
जाति शब्द संस्कृत की 'जनि' (जन) धातु में 'क्तिन्' प्रत्यय लगकर बना है। न्यायसूत्र के अनुसार 'समान प्रसावात्मिका जाति' अर्थात् जाति समान जन्म वाले लोगों को मिला कर बनती है। सामान्य रूप से यदि हम देखें तो जाति का सम्बन्ध मनुष्य के जन्म लेने!-->…
भाषा और समुदाय
प्रस्तावना:
भाषा से तात्पर्य है वह माध्यम जिसके द्वारा व्यक्ति अपने भावों की अभिव्यक्ति करता है और दूसरे के विचारों को भी जानता है। समुदाय का अर्थ है झुण्ड अथवा एक-सी विशेषता रखने वाले लोगों का समूह।
समाज में रहते हुए व्यक्ति अनेक!-->!-->!-->!-->!-->…
भाषा और सामाजिक व्यवहार
भाषाविज्ञान की अन्य शाखाओं की अपेक्षा समाज भाषा विज्ञान अभी हमारे यहाँ अपने शैशवा काल में ही चल रहा है। कारण यह है जिस प्रकार पश्चिमी देशों, विश्वविद्यालयों में इस विषय पर तेजी से काम हो रहा है उतना अभी हमारे यहाँ नहीं। यहाँ तक की!-->…
समाज भाषा विज्ञान और उसका स्वरूप
समाज भाषा विज्ञान क्या है?
समाज भाषा विज्ञान तीन शब्दों के योग से बना है समाज, भाषा और विज्ञान समाज अर्थात् व्यक्तियों का समूह, समुदाय भाषा अर्थात् सम्प्रेषण का माध्यम (बोली/जबान) विज्ञान अर्थात् किसी की भी विशेष जानकारी। इस प्रकार समाज!-->!-->!-->…
भाषा और समाज का अंतर्संबंध
भाषा किसी व्यक्ति के व्यक्तित्व के सर्वांगीण विकास के लिए ही अनिवार्य नहीं है बल्कि वह उस समाज के लिए भी उतनी ही महत्त्वपूर्ण है जिस समाज विशेष में वह व्यक्ति रहता है। हमारा विश्व कई समाज विशेष से मिलकर बना है और इन समाज विशेष की पहचान वह!-->…