हिंदी साहित्य की ओर एक कदम।
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सामाजिक अभियान के प्रचार हेतु सोशल मीडिया विज्ञापन तैयार करना

सोशल मीडिया के कारण सामाजिक जीवन में अभूतपूर्व परिवर्तन आया है। इसके माध्यम से लोग एक दूसरे से आसानी से जुड़ने लगे। अपने विचार शेयर करने लगे। समस्या और उनके समाधान शेयर करने लगे। सूचनाओं का आदान-प्रदान तीव्र गति से होने लगा। लोग आपस में

ब्लॉग लेखन : सामान्य परिचय

ब्लॉग और ब्लागिंग न्यू मीडिया के क्षेत्र में काफी लोकप्रिय हो रहे हैं। ये मीडिया प्लेटफॉर्म के शुरुआती बिन्दु माने जा सकते हैं। लगभग दो दशक से ब्लॉग आम जनता को अपने विचार अभिव्यक्त करने, दूसरे के विचार जानने की आधार भूमि प्रदान कर रहा है।

सोशल मीडिया के प्रकार

सोशल मीडिया इन दिनों लोकप्रियता के सोपान चढ़ रही है। पिछले एक दशक में कई बड़ी खबरें सोशल मीडिया के माध्यम से लाइमलाइट में आयी है। इस बात का लगातार आकलन किया जा रहा है कि आने वाले समय में प्रिंट, टेलीविजन जैसे परंपरागत माध्यमों को प्रासंगिक

सोशल मीडिया का प्रभाव और महत्त्व

भूमिका सूचना तकनीक के तीव्र विकास ने सूचना क्रांति को जन्म दिया है। इस सूचना क्रांति के महत्त्वपूर्ण अंग इंटरनेट और इंटरनेट आधारित सूचना उपकरणों ने मनुष्य जीवन पर गहरा प्रभाव डाला है। पिछले दो दशकों से इंटरनेट ने हमारी जीवनशैली को बदल

सोशल मीडिया: अर्थ और परिभाषा

वर्तमान समय सोशल मीडिया का समय है। सोशल मीडिया हमारे दैनिक जीवन का अभिन्न हिस्सा बन गया है। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की वजह से पत्रकारिता के क्षेत्र में भी व्यापक बदलाव आया है। एक के बाद एक नए माध्यमों का विकास हुआ, जिसकी वजह से साहित्यिक,

किसी व्यावसायिक कार्यक्रम की प्रेस विज्ञप्ति

प्रस्तावना ‘प्रेस विज्ञप्ति' किसी भी सरकारी, गैर-सरकारी कार्यालयों, व्यावसायिक प्रतिष्ठानों एवं राजनीतिक संगठनों आदि के लिए अपने कार्यालय या संस्थान की विशेष सूचनाओं को जन-समुदाय तक पहुचाने के लिए तैयार की गई एक सूचना होती है जिसे

व्यावसायिक पत्र-लेखन

प्रस्तावना 'पत्राचार' व्यक्ति-जीवन का एक महत्त्वपूर्ण अंग बन चुका है। व्यावसायिक क्षेत्र में तो पत्र लेखन की योग्यता को सफलता की कुंजी ही माना जाता है। यहाँ विभिन्न प्रकार का पत्राचार (Correspondence) वह 'पुल' है जो वाणिज्य- व्यवसाय के

कार्यालयी पत्र-लेखन

प्रस्तावना सरकारी कार्यालय की काम को सुचारु रूप से चलने के लिए लिखे जाने वाले पत्रों को ही कार्यालयी पत्र कहा जाता है। इनका प्रयोग किसी सरकारी कार्यालय के प्रशासनिक काम-काज के दौरान किया जाता है। लेकिन वर्तमान समय में विभिन्न गैर-सरकारी

सूचना के अधिकार के लिए लेखन

प्रस्तावना ‘सूचना का अधिकार' से तात्पर्य है भारत के किसी नागरिक को सरकार तथा उससे सम्बद्ध किसी भी विभाग या संस्था से सूचना प्राप्त करने का संवैधानिक अधिकार। यह अधिकार भारतीय नागरिकों को भारतीय संसद द्वारा दिसम्ब 2002 में ‘सूचनाधिकार

स्ववृत्त-लेखन

प्रस्तावना प्रतिस्पर्धा के वर्तमान युग में अपने व्यक्तित्व एवं योग्यताओं को इस प्रकार रखना ताकि स्वयं को श्रेष्ठ स्थापित किया जा सके, यह एक आवश्यकता भी है और चुनौती भी इस संबंध में, स्ववृत्त एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जिस प्रकार