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Study Material For UG
Dadi Amma Kahani दादी-अम्मा: कृष्णा सोबती
कृष्णा सोबती की कहानी "दादी अम्मा" (Dadi Amma Kahani) में, लेखिका ने एक वृद्ध महिला (दादी अम्मा) के उपेक्षित जीवन और उनकी व्यथा का वर्णन किया है। कहानी में, दादी अम्मा एक भरे-पूरे परिवार (पति, बेटे-बहू, पोते-पोतियां, आदि) के साथ होते हुए!-->…
Sikka badal gaya Kahani सिक्का बदल गया : कृष्णा सोबती
"सिक्का बदल गया" (Sikka badal gaya Kahani) कृष्णा सोबती द्वारा लिखी गई एक प्रसिद्ध कहानी है, जो भारत के विभाजन के समय की पृष्ठभूमि पर आधारित है। यह कहानी एक विधवा महिला शाहनी के इर्द-गिर्द घूमती है, जो अपने गाँव और जमीन-जायदाद को!-->…
Rasta idhar se hai (रास्ता इधर से है) : रघुवीर सहाय-कहानी
'रास्ता इधर से है' (Rasta idhar se hai) रघुवीर सहाय द्वारा लिखी गई है। यह कहानी उनके कहानी संग्रह 'रास्ता इधर से है' का हिस्सा है जो सन् 1972 में प्रकाशित हुआ था।
वह एक वाहियात दिन था। सब कुछ शांत था सुनाई पड़ सकती थी इतने मोटे गलीचे!-->!-->!-->…
हिंदी : रघुवीर सहाय Hindi Kavita : Raghuvir…
रघुवीर सहाय 'हिन्दी भाषा' के एक बहुत बड़े पैरोकार के रूप में हमें दिखाए देते हैं, जो अपनी कविताओं के माध्यम से निरंतर इस मुद्दे को समाज में उठाते रहे हैं। अंग्रेज़ी की महत्ता और हिन्दी को मिलने वाले सम्मान में कमी उन्हें तकलीफ देती थी, जिसका!-->…
अधिनायक : रघुवीर सहाय Adhinayak Kavita
रघुवीर सहाय द्वारा रचित अधिनायक कविता (Adhinayak Kavita) भारतीय लोकतंत्र व्यवस्था पर प्रश्न चिन्ह खड़ा करती है। यह कविता ऐसी व्यवस्था पर व्यंग्य करती है जो सत्ता के रोब-दाब और ठाट-बाट से लोगों पर शासन करने की मंशा रखती है। कविता का पाठ नीचे!-->…
हँसो हँसो जल्दी हँसो (कविता) : रघुवीर सहाय Hanso Hanso Jaldi Hanso
हँसो हँसो जल्दी हँसो (Hanso Hanso Jaldi Hanso) :
हँसो तुम पर निगाह रखी जा रही जा रही है
हँसो अपने पर न हँसना क्योंकि उसकी कड़वाहट पकड़ ली जाएगीऔर तुम मारे जाओगेऐसे हँसो कि बहुत खुश न मालूम होवरना शक होगा कि यह शख़्स शर्म में!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->…
स्वाधीन व्यक्ति : रघुवीर सहाय (Swadhin Vyakti Kavita)
यह कविता स्वाधीन व्यक्ति (swadhin vyakti kavita) एक कवि के मन में चल रहे द्वन्द्व को दिखाती है और अंत में एक स्वाधीन व्यक्ति के रूप में सामने आता है।
इस अन्धेरे में कभी-कभीदीख जाती है किसी की कविताचौंध में दिखता है एक और कोई कवि
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देवी (कहानी) : सूर्यकांत त्रिपाठी निराला Devi (Kahani) : Nirala
देवी (devi kahani nirala) सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' द्वारा लिखी गई बहुत ही मार्मिक कहानी है। कहानी का पाठ नीचे दिया गया है।
1बारह साल तक मकड़े की तरह शब्दों का जाल बुनता हुआ मैं मक्खियाँ मारता रहा। मुझे यह ख्याल था कि मैं साहित्य की!-->!-->!-->…
अभी न होगा मेरा अन्त : सूर्यकांत त्रिपाठी “निराला” Abhi na hoga mera ant
महाप्राण निराला कृत अभी न होगा मेरा अंत (Abhi na hoga mera ant) एक बेहद ही प्रेरणादायक कविता है, जिसमें निराला जीवन के प्रति उत्साह दिखाते हुए कहते हैं कि अभी उनका अंत नहीं होगा क्योंकि अभी ही तो उनके जीवन में उमंग और उल्लास से भरा वसंत!-->…
वर दे! वीणावादिनी : सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ Var de veena vadini
महाप्राण निराला कृत वर दे! वीणावादिनी (Var de veena vadini) माँ शारदा की वंदना हेतु लिखा गया एक बेहद ही मनोरम और भक्तिमय गीत है। इस कविता में जहां भक्ति दिखाई पड़ती वहीं निराला माँ शारदा से अपने देशवासियों के लिए स्वतंत्रता का अमर वरदान!-->…