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देवी (कहानी) : सूर्यकांत त्रिपाठी निराला Devi (Kahani) : Nirala
देवी (devi kahani nirala) सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' द्वारा लिखी गई बहुत ही मार्मिक कहानी है। कहानी का पाठ नीचे दिया गया है।
1बारह साल तक मकड़े की तरह शब्दों का जाल बुनता हुआ मैं मक्खियाँ मारता रहा। मुझे यह ख्याल था कि मैं साहित्य की!-->!-->!-->…
अभी न होगा मेरा अन्त : सूर्यकांत त्रिपाठी “निराला” Abhi na hoga mera ant
महाप्राण निराला कृत अभी न होगा मेरा अंत (Abhi na hoga mera ant) एक बेहद ही प्रेरणादायक कविता है, जिसमें निराला जीवन के प्रति उत्साह दिखाते हुए कहते हैं कि अभी उनका अंत नहीं होगा क्योंकि अभी ही तो उनके जीवन में उमंग और उल्लास से भरा वसंत!-->…
वर दे! वीणावादिनी : सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ Var de veena vadini
महाप्राण निराला कृत वर दे! वीणावादिनी (Var de veena vadini) माँ शारदा की वंदना हेतु लिखा गया एक बेहद ही मनोरम और भक्तिमय गीत है। इस कविता में जहां भक्ति दिखाई पड़ती वहीं निराला माँ शारदा से अपने देशवासियों के लिए स्वतंत्रता का अमर वरदान!-->…
भारती वन्दना : सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला Bharati Vandana Kavita
भारती वंदना (bharati vandana kavita) कविता महाप्राण सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' द्वारा रचित एक देशभक्ति रचना है, जो उन्होंने मान भारती के चरणों में पुष्पगुच्छ के समान समर्पित की है।
भारती, जय, विजय करेकनक - शस्य - कमल धरे!लंका पदतल!-->!-->!-->!-->!-->…
हिंदी की प्रमुख बोलियों का परिचय
1. खड़ीबोली
आधुनिक हिंदी का मानकीकृत रुप खड़ी बोली को माना जाता है। खड़ी बोली का विकास शौरसेनी अपभ्रंश के पश्चिमी हिंदी उपभाषा से हुआ है। हिन्दुस्तानी, उर्दू, दक्खिनी हिंदी का आधार भी खड़ी बोली को माना जाता है। 'खड़ी बोली' शब्द की!-->!-->!-->…
कविता : तोड़ती पत्थर – सूर्यकांत त्रिपाठी निराला
वह तोड़ती पत्थर;देखा उसे मैंने इलाहाबाद के पथ पर—वह तोड़ती पत्थर।
कोई न छायादारपेड़ वह जिसके तले बैठी हुई स्वीकार;श्याम तन, भर बँधा यौवन,नत नयन प्रिय, कर्म-रत मन,गुरु हथौड़ा हाथ,करती बार-बार प्रहार :—सामने तरु-मालिका अट्टालिका, प्राकार।!-->!-->!-->…
DU B.A.(Hons.) Hindi Previous Year Paper Semester-II DSC PDF
Unique Paper Code2052101203Name of th PaperHindi Nibandh Evam Anya Gady VidhayeinName of the CourseB.A.(Hons.) Hindi, DSCSemesterIIDuration3 HoursMaximum Marks90
छात्रों के लिए निर्देश :
इस प्रश्न-पत्र के मिलते ही ऊपर दिए गए!-->!-->!-->!-->!-->!-->…
B.A. Prog. Hindi Syllabus, Semester-III/IV, DU Download PDF
DEPARTMENT OF HINDI
BA (Prog.) with Hindi as MAJOR सेमेस्टर III- DSC 5- क्रेडिट 4
हिंदी कथा साहित्य
Course Nature of Course Total CreditLecture TutorialPracticalEligiblity CriteriaPre-requisite of the courseहिंदी कथा!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->…
B.A. Prog. Hindi Syllabus, Semester-I/II, Delhi University
Discipline Specific Core-1
हिन्दी भाषा और साहित्य का इतिहास
Course Objective (2-3)
हिंदी भाषा और साहित्य के इतिहास का परिचय प्राप्त होगा।
साहित्य इतिहास के विभिन्न कालों की प्रमुख प्रवृत्तियों की आलोचनात्मक समझ विकसित होगी।
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हिन्दी भाषा का विकास: आदिकालीन, मध्यकालीन एवं आधुनिक हिन्दी
प्रारंभिक हिन्दी
परिचय:
हिन्दी भाषा का इतिहास लगभग एक हजार वर्ष पुराना माना गया है। सामान्यत: प्राकृत की अन्तिम अवस्था अपभ्रंश से ही हिन्दी साहित्य का अविर्भाव स्वीकार किया जाता है। उस समय अपभ्रंश के कई रूप थे और उनमें सातवीं-आठवीं!-->!-->!-->!-->!-->…