B.A. Prog. Hindi Syllabus, Semester-I/II, Delhi University

Discipline Specific Core-1
हिन्दी भाषा और साहित्य का इतिहास
Course Objective (2-3)
- हिंदी भाषा और साहित्य के इतिहास का परिचय प्राप्त होगा।
- साहित्य इतिहास के विभिन्न कालों की प्रमुख प्रवृत्तियों की आलोचनात्मक समझ विकसित होगी।
Course Learning Outcomes
- इतिहास के प्रति आलोचनात्मक – विष्लेषणात्मक ज्ञान के द्वारा हिंदी भाषा और साहित्य इतिहास को संतुलित रूप से प्रस्तुत किया जा सकेगा।
इकाई-1
(क) हिंदी भाषा का विकास : सामान्य परिचय
- हिंदी भाषा का उद्भव
- हिंदी भाषा की बोलियाँ
- हिंदी भाषा का विकास आदिकालीन हिंदी, मध्यकालीन हिंदी, आधुनिक हिंदी
(ख) हिंदी साहित्य का इतिहास: आदिकाल
- आदिकाल काल विभाजन एवं नामकरण
- आदिकाल की प्रमुख प्रवृत्तियाँ (रासो साहित्य, धार्मिक साहित्य, लौकिक साहित्य)
इकाई-2
हिंदी साहित्य का इतिहास : भक्तिकाल
- भक्ति आंदोलन उद्भव और विकास
- भक्तिकाल की प्रमुख प्रवृत्तियाँ (संत काव्य, सूफी काव्य, राम काव्य, कृष्ण काव्य)
इकाई-3
हिंदी साहित्य का इतिहास : रीतिकाल
- रीतिकाल: नामकरण विषयक विभिन्न मतों की समीक्षा
- रीतिकाल की प्रमुख प्रवृत्तियाँ (रीतिबद्ध काव्य, रीतिसिद्ध काव्य, रीतिमुक्त काव्य)
इकाई -4
हिंदी साहित्य का इतिहास : आधुनिक काल
- मध्यकालीन बोध तथा आधुनिक बोध (संक्रमण की परिस्थितियाँ)
- आधुनिक हिंदी कविता की प्रमुख प्रवृत्तियाँ (भारतेंदु युग, द्विवेदी युग, छायावाद, प्रगतिवाद, प्रयोगवाद, नई कविता)
- गद्य विधाओं का उद्भव एवं विकास उपन्यास, कहानी, नाटक, निबंध
References
- हिंदी भाषा : धीरेंद्र वर्मा
- हिंदी भाषा की संरचना : भोलानाथ तिवारी
- हिदीं साहित्य का इतिहास : आ. रामचंद्र शुक्ल
- हिंदी साहित्य का इतिहास : सं. डॉ. नगेंद्र
- हिंदी साहित्य के इतिहास पर कुछ नोट्स: डॉ. रसाल सिंह
- हिंदी साहित्य का अतीत : विष्वनाथ प्रसाद मिश्र
- हिंदी का गद्य साहित्य : रामचंद्र तिवारी
- हिंदी गद्य : विन्यास और विकास रामस्वरूप चतुर्वेदी
Teaching Learning Process
व्याख्यान और सामूहिक चर्चा
1 से 3 सप्ताह : इकाई-1
4 से 6 सप्ताह : इकाई-2
7 से 9 सप्ताह : इकाई-3
10 से 12 सप्ताह : इकाई- 4
13 से 14 सप्ताह सामूहिक चर्चा,
विषेष व्याख्यान एवं आंतरिक मूल्यांकन संबंधी गतिविधियाँ
Assessment Methods:
टेस्ट और असाइनमेंट
Keywords
इतिहास, भाषा और आलोचना से जुड़ी शब्दावली
Discipline Specific Core-2
हिंदी सिनेमा और उसका अध्ययन
Course Objective (2-3)
- सिनेमा के निर्माण और उपभोग या आलोचना की व्यावहारिक समझ विकसित करना
- हिंदी सिनेमा के विकास अध्ययन
- कुछ प्रमुख फिल्मों के माध्यम से सिनेमा में आ रहे बदलाव को समझना
Course Learning Outcomes
- सिनेमा की व्यावहारिक और आलोचनात्मक समझ विकसित होगी ।
- सिनेमा के विकास के माध्यम से भारत के मनोरंजन जगत में आ रहे बदलाव को समझ सकेंगे।
इकाई-1
- कला विधा के रूप में सिनेमा और उसकी सैद्धांतिकी
इकाई-2
- हिंदी सिनेमा : उद्भव और विकास
इकाई-3
- सिनेमा में कैमरे की भूमिका
इकाई-4
- नयी तकनीक और सिनेमा संभावनाएं और चुनौतियां
(संदर्भ : मुगले आजम, मदर इंडिया, पीके )
References
- हिंदी सिनेमा का इतिहास : मनमोहन चड्ढा
- सिनेमा, नया सिनेमा : ब्रजेश्वर मदान
- सिनेमा कल, आज और कल : विनोद भारद्वाज
- हिंदी का मौखिक परिदृष्य : करुणा शंकर उपाध्याय
- हिंदी का मौखिक परिदृष्य : कौषल कुमार गोस्वामी
Teaching Learning Process
व्याख्यान, सामूहिक चर्चा, वीडियो क्लिप का अध्ययन और उसे बनाना, कैमरे का कक्षा के
बाहर अध्ययन
1 से 3 सप्ताह : इकाई-1
4 से 6 सप्ताह : इकाई-2
7 से 9 सप्ताह इकाई – 3
10 से 12 सप्ताह इकाई -4
13 से 14 सप्ताह : सामूहिक चर्चा, विषेष व्याख्यान एवं आंतरिक मूल्यांकन संबंधी गतिविधियाँ
Assessment Methods
टेस्ट और असाइनमेंट
Keywords
सिनेमाई शब्दावली
COMMON POOL OF GENERIC ELECTIVES (GE)
OFFERED BY DEPARTMENT OF HINDI
‘हिंदी – क’ (उन विद्यार्थियों के लिए जिन्होंने 12वीं कक्षा तक हिंदी पढ़ी है।)
हिंदी : भाषा और साहित्य
Course Objective (2-3)
- हिंदी भाषा और साहित्य की सामान्य जानकारी विकसित करना।
- राष्ट्रभाषा राजभाषा और संपर्क भाषा के रूप में हिंदी की स्थिति का परिचय देना।
- विशिष्ट कविताओं के अध्ययन – विष्लेषण के माध्यम से कविता – संबंधी समझ विकसित करना ।
Course Learning Outcomes
- हिंदी साहित्य और भाषा के विकास की स्पष्ट समझ विकसित होगी।
- आधुनिक आवष्यकताओं के अनुरूप राष्ट्रभाषा, राजभाषा और संपर्क भाषा की जानकारी प्राप्त होगी।
इकाई-1
(क) हिंदी भाषा का उद्भव एवं विकास
(ख) राष्ट्रभाषा, राजभाषा और संपर्क भाषा के रूप में हिंदी
इकाई-2
हिंदी साहित्य का इतिहास
(क) हिंदी साहित्य का इतिहास (आदिकाल, मध्यकाल) : सामान्य परिचय
(ख) हिंदी साहित्य का इतिहास (आधुनिक काल) : सामान्य परिचय
इकाई-3
(क) संत काव्य (संग्रह): परशुराम चतुर्वेदी किताब महल, इलाहाबाद, 1952 संत रैदासजी
पद – 1, 4, और 19
(ख) भूषण – भूषण ग्रंथावली, सं. आचार्य विश्वनाथ प्रसाद मिश्र, वाणी प्रकाषन, दिल्ली, 1998;
कवित्त संख्या 409, 411, 412
(ग) बिहारी – बिहारी रत्नाकर, सं. जगन्नाथदास रत्नाकर बी. ए., प्रकाषन संस्थान, नई दिल्ली, सं. 2006,
दोहा 1, 10, 13, 32
इकाई -4
आधुनिक हिंदी कविता
- माखनलाल चतुर्वेदी : बेटी की विदाई
- जयशंकर प्रसाद : हिमाद्रि तुंग श्रृंग से
- नागार्जुन : बादल को घिरते देखा है।
References
- रामचंद्र शुक्ल हिंदी : साहित्य का इतिहास
- हजारीप्रसाद द्विवेदी हिंदी साहित्य की भूमिका
- सं. डॉ. नगेंद्र : हिंदी साहित्य का इतिहास
- रामस्वरूप चतुर्वेदी : हिंदी साहित्य और संवेदना का विकास
- डॉ. रसाल सिंह : हिंदी साहित्य के इतिहास पर कुछ नोट्स
Teaching Learning Process
व्याख्यान, सामूहिक चर्चा, वीडियो आदि
1 से 3 सप्ताह : इकाई-1
4 से 6 सप्ताह : इकाई-2
7 से 9 सप्ताह : इकाई-3
10 से 12 सप्ताह : इकाई-4
13 से 14 सप्ताह : सामूहिक चर्चा, विषेष व्याख्यान एवं आंतरिक मूल्यांकन संबंधी गतिविधियाँ
Assessment Methods
टेस्ट और असाइनमेंट
‘हिंदी – ‘ख’ (उन विद्यार्थियों के लिए जिन्होंने 10वीं कक्षा तक हिंदी पढ़ी है ।)
हिंदी : भाषा और साहित्य
Course Objective (2-3)
- हिंदी भाषा और साहित्य की सामान्य जानकारी विकसित करना।
- विषिष्ट कविताओं के अध्ययन – विष्लेषण के माध्यम से कविता संबंधी समझ विकसित करना।
Course Learning Outcomes
- हिंदी साहित्य और भाषा के विकास की स्पष्ट समझ विकसित होगी ।
- विशिष्ट कविताओं के अध्ययन से साहित्य की समझ विकसित होगी।
इकाई-1
- हिंदी भाषा और साहित्य
- हिंदी भाषा का उद्भव और विकास
- हिंदी की प्रमुख बोलियों का परिचय
- हिंदी साहित्य का इतिहास संक्षिप्त परिचय (आदिकाल, मध्यकाल)
- हिंदी साहित्य का इतिहास संक्षिप्त परिचय (आधुनिक काल )
इकाई-2
भक्तिकालीन कविता :
(ख) तुलसी : ‘रामचरितमानस’ गीताप्रेस गोरखपुर से ‘केवट प्रसंग’
इकाई-3
- मैथिलीशरण गुप्त : नर हो न निराश करो
- सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ : तोड़ती पत्थर
- केदारनाथ अग्रवाल : धूप
इकाई-4
आधुनिक कविता
References
- रामचंद्र शुक्ल हिंदी साहित्य का इतिहास
- हजारीप्रसाद द्विवेदी हिंदी साहित्य की भूमिका
- सं. डॉ. नगेंद्र : हिंदी साहित्य का इतिहास
- रामस्वरूप चतुर्वेदी : हिंदी साहित्य और संवेदना का विकास
- आ. विश्वनाथ प्रसाद मिश्र : भूषण ग्रंथावली
- डॉ. रसाल सिंह : हिंदी साहित्य के इतिहास पर कुछ नोट्स
Teaching Learning Process
व्याख्यान, सामूहिक चर्चा, वीडियो आदि
1 से 3 सप्ताह : इकाई-1
4 से 6 सप्ताह : इकाई-2
7 से 9 सप्ताह : इकाई-3
10 से 12 सप्ताह : इकाई-4
13 से 14 सप्ताह : सामूहिक चर्चा, विषेष व्याख्यान एवं आंतरिक मूल्यांकन संबंधी गतिविधियाँ
Assessment Methods
टेस्ट और असाइनमेंट
‘हिंदी – ‘ग’ (उन विद्यार्थियों के लिए जिन्होंने 8वीं कक्षा तक हिंदी पढ़ी है ।)
हिंदी : भाषा और साहित्य
Course Objective (2-3)
- हिंदी भाषा और साहित्य की सामान्य जानकारी विकसित करना।
- विशिष्ट कविताओं के अध्ययन – विष्लेषण के माध्यम से कविता संबंधी समझ विकसित करना।
Course Learning Outcomes
- हिंदी साहित्य और भाषा के विकास की स्पष्ट समझ विकसित होगी।
- विशिष्ट कविताओं के अध्ययन से साहित्य की समझ विकसित होगी।
इकाई-1
हिंदी भाषा और साहित्य :
(क) हिंदी भाषा का उद्भव एवं विकास
(ख) हिंदी का भौगोलिक विस्तार
(ग) हिंदी कविता का विकास (आदिकाल, मध्यकाल) सामान्य विषेषताएँ
(घ) हिंदी कविता का विकास (आधुनिक काल) : सामान्य विषेषताएँ
इकाई-2
भक्तिकालीन हिंदी कविता :
(क) कबीर : कबीर ग्रंथावली, सं. श्यामसुंदर दास, नागरीप्रचारिणी सभा, वाराणसी 17वां संस्करण, सं. 2049 वि.
साखी : गुरुदेव कौ अंग – 19, 20, 21, 22, 23
(ख) सूरदास :
– मैया मैं नहिं माखन खायौ
– उधोमन न भए दस-बीस
इकाई-3
रीतिकालीन हिंदी कविता
(क) बिहारी :
– कनक कनक ते सौंगुनी
– मेरी भव बाधा हरौ
– कहत नटत रीझत खिजत
(ख) घनानंद :
– अति सूधो सनेह को मारग
– रावरे रूप की रीति अनूप
इकाई -4
आधुनिक हिंदी कविता :
– सुमित्रा नंदन पंत : आह! धरती कितना देती है।
– सर्वेश्वर दयाल सक्सेना : लीक पर वे चलें
References
- कबीर : हजारीप्रसाद द्विवेदी
- तुलसीकाव्य – मीमांसा : उदयभानु सिंह
- हिंदी साहित्य का सरल इतिहास : विश्वनाथ त्रिपाठी
- बिहारी की वाग्विभूति : विश्वनाथ प्रसाद मिश्र
- हिंदी साहित्य का इतिहास रामचंद्र शुक्ल :
- डॉ. रसाल सिंह : हिंदी साहित्य के इतिहास पर कुछ नोट्स
Teaching Learning Process
सीखने की इस प्रक्रिया में हिंदी साहित्य और हिंदी कविता को मजबूती प्रदान करना है। कालक्रम के विद्यार्थी युग बोध कोठी से जान सकेंगे। छात्र कविता के माध्यम से उसमें निहित मानवतावादी दृष्टिकोण को बेहतर तरीके से जान सकेंगे। हिंदी भाषा आज तेजी से वैश्वीकृत हो रही है। ऐसे में कविता की भूमिका और भी अधिक महत्वपूर्ण हो जाती है। साहित्य के आरंभ से ही कविता ने समय और समाज को प्रभावित किया है और मानवीय आचरण को संतुलित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। अतः शिक्षण में हिंदी कविता छात्रों के दृष्टिकोण को और भी अधिक परिपक्व करेगी। प्रस्तुत पाठ्यक्रम को निम्नांकित सप्ताहों में
विभाजित किया जा सकता है:
1 से 3 सप्ताह : इकाई-1
4 से 6 सप्ताह : इकाई-2
7 से 9 सप्ताह : इकाई – 3
10 से 12 सप्ताह : इकाई -4
13 से 14 सप्ताह : सामूहिक चर्चा, विषेष व्याख्यान एवं आंतरिक मूल्यांकन संबंधी गतिविधियाँ
Assessment Methods :
टेस्ट और असाइनमेंट