B.A. Hons. (Hindi) Syllabus, Semester-III DSC & DSE PDF
DEPARTMENT OF HINDI
भारतीय साहित्य
Core Course – (DSC) Credits: 4
Course | Nature of Course | Total Credit | Lecture | Tutorial | Practical | Eligiblity Criteria | Pre-requisite of the course |
भारतीय साहित्य | कोर कोर्स (DSC-7) | 4 | 3 | 1 | 0 | 12th Pass | Nil |
पाठ्यक्रम का उद्देश्य (Course Objective):
- भारतीय साहित्य की अवधारणा से परिचिति कराना
- भारत की भौगोलिक, भाषिक और सांस्कृतिक विविधता का परिचय देना
- भारतीय सांस्कृतिक-बोध के विकास का परिचय कराना
पाठ्यक्रम अध्ययन के परिणाम (Course Learning Outcomes):
- भारतीय साहित्य के अध्ययन से सांस्कृतिक समझ विकसित होगी
- भारतीय सांस्कृतिक विविधता में निहित एकता की समझ विकसित होगी
- भारतीय साहित्यिक परंपरा के विकास की समझ विकसित होगी
इकाई – 1 : (12 घंटे)
- भारतीय साहित्य का संक्षिप्त परिचय: वैदिक, लौकिक, संस्कृत, पालि, प्राकृत, अपभ्रंश तथा संगम साहित्य (तमिल भाषा)
- आधुनिक भारतीय भाषाओं के साहित्य का संक्षिप्त परिचय : असमिया, बांग्ला, उड़िया, गुजराती, मराठी, उर्दू, पंजाबी, कश्मीरी, सिंधी, मैथिली, तमिल, कन्नड, तेलुगू, मलयालम
इकाई- 2 : (12 घंटे)
- बाल्मीकि – ‘सप्तपर्ण’ : रामकाव्य का जन्म पृष्ठ 115-119 में महादेवी वर्मा कृत अनुवाद
- कालिदास – ‘उत्तरमेघ’ भगवतशरण उपाध्याय द्वारा संपादित ‘नागार्जुन चुनी हुई रचनाएँ पुस्तक से, पृष्ठ 345-349, छंद संख्या 22 से 27
इकाई – 3 : (12 घंटे)
- नामदेव – (संत काव्य, सं. परशुराम चतुर्वेदी, किताब महल, इलाहाबाद, संस्करण 1952) पद सं. 11 से 14 तक
- ललद्यद – (भाषा, साहित्य और संस्कृति, विमलेशकांति वर्मा)
मुझ पर वे चाहे हँ…
गुरु ने मुझसे कहा …
हम ही थे…..
पिया को खोजने… - सुब्रह्मण्यम भारती की कविताएँ: साहित्य अकादेमी; संस्करण 1983, ‘स्वतंत्रता का गान’, ‘ पृष्ठ 46-47
इकाई – 4 : (09 घंटे)
- काबुलीवाला (कहानी) – रवींद्रनाथ ठाकुर
- रामविजय (नाटक) – शंकरदेव (असमिया)
सहायक ग्रंथों की सूची:
- आज का भारतीय साहित्य प्रभाकरमाचवे, साहित्य अकादेमी, नई दिल्ली
- वैदिक संस्कृति का विकास तर्कतीर्थ लक्ष्मण शास्त्री, साहित्य अकादेमी, नई दिल्ली
- भारतीय साहित्य का समेकित इतिहास- डॉ. नगेंद्र, हिंदी माध्यम कार्यान्वयन निदेशालय, दिल्ली विश्वविद्यालय
- भारतीय साहित्य कोश – डॉ. नगेंद्र, नेशनल पब्लिशिंग हाउस, नई दिल्ली
- भाषा, साहित्य और संस्कृति – (सं.) विमलेशकांति वर्मा, ऑरियन्ट ब्लैक स्वान पब्लिकेशन्स, नई दिल्ली
- · बांग्ला साहित्य का इतिहास – सुकुमार सेन, अनु. निर्मला जैन, साहित्य अकादेमी, नई दिल्ली –
- सुब्रह्मण्यम भारती की कविताएँ: साहित्य अकादेमी
- संत काव्य (संग्रह) – परशुराम चतुर्वेदी, किताबमहल, इलाहबाद, (प्र. सं. 1952)
हिंदी नाटक एवं एकांकी
Core Course – (DSC) Credits: 4
Course | Nature of Course | Total Credit | Lecture | Tutorial | Practical | Eligiblity Criteria | Pre-requisite of the course |
हिन्दी नाटक एवं एकांकी | कोर कोर्स (DSC-8) | 4 | 3 | 1 | 0 | 12th Pass | Nil |
पाठ्यक्रम का उद्देश्य (Course Objective):
- नाटक के उद्भव और विकास का परिचय देना
- नाटक के सांस्कृतिक और सामाजिक पक्ष का परिचय देना
- नाटक की सर्वांगीण समझ विकसित करना
पाठ्यक्रम अध्ययन के परिणाम (Course Learning Outcomes):
- नाट्य परंपरा का परिचय प्राप्त होगा
- नाटक के सांस्कृतिक पक्ष और शैली के परिचय से विश्लेषण क्षमता विकसित होगी
- हिंदी के प्रमुख नाटकों के अध्ययन से हिंदी नाटक की विकास यात्रा का परिचय प्राप्त होगा
इकाई – 1 : (12 घंटे)
- भारत दुर्दशा – भारतेंदु हरिश्चंद्र
इकाई-2 : (12 घंटे)
- ध्रुवस्वामिनी – जयशंकर प्रसाद
इकाई – 3 : (12 घंटे)
- कथा एक कंस की – दया प्रकाश सिन्हा
इकाई – 4 : (09 घंटे)
- एकांकी – उत्सर्ग रामकुमार वर्मा
तौलिए: उपेन्द्रनाथ अश्क
सहायक ग्रंथों की सूची :
- नाटककार भारतेंदु की रंग-परिकल्पना – सत्येन्द्र तनेजा, राधाकृष्ण प्रकाशन, नई दिल्ली
- प्रसाद के नाटक: स्वरूप और संरचना – गोविंद चातक, तक्षशिला प्रकाशन, नई दिल्ली
- जयशंकर प्रसाद रंगदृष्टि – महेश आनंद, राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय, नई दिल्ली
- हिंदी एकांकी की शिल्पविधि का विकास- सिद्धनाथ कुमार, राजकमल प्रकाशन, नई दिल्ली
- रंगमंच का सौन्दर्यशास्त्र – देवेन्द्रराज अंकुर, राजकमल प्रकाशन, नई दिल्ली
- रंगदर्शन– नेमीचंद जैन, राजकमल प्रकाशन, नई दिल्ली
- रंगकर्म – वीरेंद्र नारायण, आलेख प्रकाशन, नई दिल्ली
- स्वातंत्रयोत्तर पारम्परिक रंग प्रयोग कुसुमलता मलिक, इंडियन पब्लिशर्स एवं डिस्ट्रीब्यूटर, कमला नगर, नई दिल्ली (2009)
- हिंदी नाटक का आत्मसंघर्ष – गिरीश रस्तोगी, लोकभारती प्रकाशन
- नाटककार दयाप्रकाश सिन्हा, समीक्षायन, रवीन्द्रनाथ बाहोरे, संजय प्रकाशन, दिल्ली
सामान्य भाषा विज्ञान
Core Course – (DSC) Credits: 4
Course | Nature of Course | Total Credit | Lecture | Tutorial | Practical | Eligiblity Criteria | Pre-requisite of the course |
सामान्य भाषा विज्ञान | कोर कोर्स (DSC-9) | 4 | 3 | 1 | 0 | 12th Pass | Nil |
पाठ्यक्रम का उद्देश्य (Course Objective):
- भाषा तथा भाषा विज्ञान की अवधारणा से परिचित कराना
- भाषा की विषेशताओं और उपांगों का विश्लेषणात्मक ज्ञान प्रदान करना
पाठ्यक्रम अध्ययन के परिणाम (Course Learning Outcomes):
- भाषा विज्ञान के सैद्धांतिक एवं तकनीकी पक्षों की समझ विकसित हो सकेगी
- भाषा और उसके विभिन्न अंगों का परिचय प्राप्त होगा
इकाई – 1 : भाषा एवं भाषा विज्ञान (12 घंटे)
- भाषा की परिभाषा एवं स्वरूप
- भाषा की संरचना तथा विषेशताएँ
- भाषा विज्ञान का स्वरूप एवं अध्ययन की पद्धतियाँ
- भाषा विज्ञान के अध्ययन की उपयोगिता
इकाई – 2 : ध्वनिविज्ञान एवं रूपविज्ञान (12 घंटे)
- स्वन, स्वनिम, संस्वन, स्वर एवं व्यंजन
- ध्वनियों का वर्गीकरण
- ध्वनि परिवर्तन की दिशाएँ
- रूप की परिभाषा, शब्द और रूप (पद), अर्थतत्त्व, संबंध-तत्व तथा रूप परिवर्तन की दिशाएँ
इकाई – 3 : वाक्य विज्ञान (12 घंटे)
- वाक्य स्वरूप एवं आवश्यकताएँ
- वाक्य रचना के आधार और भेद
- वाक्य के प्रकार
- वाक्य के निकटस्थ अवयव
इकाई – 4 : अर्थ विज्ञान (09 घंटे)
- अर्थ परिभाषा, शब्द और अर्थ का संबंध
- अर्थ प्रतीति के साधन
- अर्थ निर्णय के साधन
- अर्थ परिवर्तनः कारण एवं दिशाएँ
सहायक ग्रंथों की सूची :
- सामान्य भाषा विज्ञान – बाबूराम सक्सेना, हिंदी साहित्य सम्मेलन, प्रयाग
- भाषा विज्ञान की भूमिका – देवेंद्रनाथ शर्मा, राधाकृष्ण प्रकाशन, नई दिल्ली
- भाषा विज्ञान – भोलानाथ तिवारी, किताब महल, नई दिल्ली
- आधुनिक भाषा विज्ञान – राजमणि शर्मा, वाणी प्रकाशन, दिल्ली
- हिंदी व्याकरण – कामता प्रसाद गुरु, इण्डियन प्रेस, प्रयाग
- हिंदी शब्दानुशासन- किशोरीदास वाजपेयी, नागरी प्रचारिणी सभा, काशी
- भाषा विज्ञान: सैद्धांतिक चिंतन रवीन्द्रनाथ श्रीवास्तव, राधाकृष्ण प्रकाशन
हिंदी की मौखिक और लोक-साहित्य परंपरा
Discipline Specific Elective (DSE) Credits: 4
Course | Nature of Course | Total Credit | Lecture | Tutorial | Practical | Eligiblity Criteria | Pre-requisite of the course |
हिंदी की मौखिक और लोक-साहित्य परंपरा | डीएसई DSE-1 | 4 | 3 | 1 | 0 | 12th Pass | Nil |
पाठ्यक्रम का उद्देश्य (Course Objective) :
- लोक साहित्य परंपरा के माध्यम से भारतीय लोक-जीवन से परिचित कराना
- लोक साहित्य परंपरा के माध्यम से भारतीय लोक-संस्कृति के विविध पक्षों को समझाना
पाठ्यक्रम अध्ययन के परिणाम (Course Learning Outcomes) :
- भारतीय जीवन की लोकधारा का परिचय प्राप्त होगा
- पर्यटन, लोक संगीत और नृत्य में रुचि विकसित होगी
इकाई – 1: मौखिक साहित्य की परंपरा और उसके विविध रूप (12 घंटे)
- मौखिक साहित्य का विकास और लिखित साहित्य से संबंध
- साहित्य के विविध रूप : खेल, तमाशा, लोक-गीत, लोक-कथा, मुकरियाँ, पहेलियाँ, बुझौवल और मुहावरे, लोकगाथाएँ, लोकनाट्य आदि का सामान्य परिचय
- हिंदी प्रदेश की जनपदीय बोलियाँ और उनका साहित्य (संक्षिप्त परिचय)
इकाई – 2 : लोकगीत : वाचिक और मुद्रित (12 घंटे)
- सांस्कृतिक बोध और लोकगीत
- संस्कार गीतः
- सोहर – अवधी (हिंदी प्रदेश के लोकगीत – कृष्ण देव उपाध्याय, साहित्य भवन, इलाहाबाद, पृष्ठ 110-
- यज्ञोपवीत- भारतीय लोक-साहित्य परंपरा और परिदृश्य – विद्या सिन्हा, पृष्ठ 88-89
- विवाह भोजपुरी – भारतीय लोक-साहित्य परंपरा और परिदृश्य – विद्या सिन्हा, पृष्ठ 116 >
- ऋतु संबंधी गीत – बारहमासा, होली, चैती, कजरी का सामान्य परिचय
- श्रम संबंधी गीत:
- कटनी के गीत- अवधी (दो गीत), हिंदी प्रदेश के लोकगीत – कृष्ण देव उपाध्याय, पृष्ठ 134-135 >
- जँतसर – भोजपुरी – भारतीय लोक साहित्य; परंपरा और परिदृश्य – विद्या सिन्हा, पृष्ठ 140-141
इकाई – 3 : लोककथा एवं लोकगाथा का सामान्य परिचय एवं पाठ (12 घंटे)
- प्रसिद्ध लोककथा एवं लोकगाथा – आल्हा, लोरिक, सारंगा सदावृक्ष, बिहुला का संक्षिप्त परिचय
- पाठ –
(क) राजस्थानी लोककथा नं. 2, हिंदी साहित्य का वृहत इतिहास, राहुल सांकृत्यायन, पृष्ठ 10-11, – सोलहवां भाग
(ख) मालवी लोक कथा नं. 2, हिंदी साहित्य का वृहत इतिहास, सोलहवां भाग, राहुल सांकृत्यायन, पृष्ठ 461-462
(ग) अवधी लोक कथा नं. 2, हिंदी साहित्य का वृहत इतिहास, सोलहवां भाग, राहुल सांकृत्यायन, पृष्ठ 187-188
इकाई – 4 : लोक नाट्य विधा का सामान्य परिचय एवं पाठ (09 घंटे)
- विविध भाषा क्षेत्रों के नाट्यरूप और शैलियाँ – रामलीला, रासलीला, नौटंकी, ख्याल आदि का संक्षिप्त परिचय
- पाठ बिदेसिया (भिखारी ठाकुर)
सहायक ग्रंथों की सूची :
- लोक साहित्य में राष्ट्रीय चेतना, ज्ञानगंगा प्रकाशन
- भारत की लोक संस्कृति – हेमंत कुकरेती, प्रभात प्रकाशन
- हिंदी प्रदेश के लोकगीत – कृष्णदेव उपाध्याय, साहित्य भवन, इलाहाबाद हरियाणा प्रदेश का लोक साहित्य – शंकरलाल यादव, हिन्दुस्तानी अकादमी, इलाहाबाद
- मीट माई पीपल – देवेंद्र सत्यार्थी, नवयुग प्रकाशन
- हमारे लोकधर्मी नाट्य – श्याम परमार, लोकरंग, उदयपुर
- हिंदी साहित्य का वृहत इतिहास – राहुल सांकृत्यायन, सोलहवां भाग
- ‘भारतीय लोक साहित्य: परंपरा और परिदृश्य विद्या सिन्हा, प्रकाशन विभाग
- हिंदी साहित्य को हरियाणा प्रदेश की देन – हरियाणा साहित्य अकादमी का प्रकाशन
- ‘मध्यप्रदेश लोककला अकादमी की पत्रिका – चौमासा
राष्ट्रीय सांस्कृतिक काव्य-धारा
Discipline Specific Elective (DSE) Credits: 4
Course | Nature of Course | Total Credit | Lecture | Tutorial | Practical | Eligiblity Criteria | Pre-requisite of the course |
राष्ट्रीय सांस्कृतिक काव्य-धारा | डीएसई DSE-2 | 4 | 3 | 1 | 0 | 12th Pass | Nil |
पाठ्यक्रम के उद्देश्य (Course Objectives) :
- राष्ट्रीय सांस्कृतिक साहित्य का स्वतंत्रता आंदोलन में योगदान
- देशवासियों में देश प्रेम की भावना जाग्रत करना
- खड़ी बोली को प्रतिष्ठित करना
- विद्यार्थियों को स्वर्णिम अतीत के गौरव से परिचित कराना
पाठ्यक्रम अध्ययन के परिणाम (Course Learning Outcomes) :
- राष्ट्रीय सांस्कृतिक चेतना के अर्थ को समझ सकेंगे
- भारत के गौरवशाली इतिहास को समझ सकेंगे
- खड़ीबोली की विकास यात्रा से परिचित होंगे
- स्वतंत्रता आंदोलन में साहित्य की भूमिका को पहचान सकेंगे
इकाई – 1 : (12 घंटे)
- राष्ट्रीय सांस्कृतिक धारा और साहित्य
- अवधारणा / परिचय / महत्व / प्रवृत्तियाँ / परिस्थितियाँ : स्वतंत्रता आंदोलन
इकाई -2 : (12 घंटे)
- देश दशा – राधाकृष्णदास
- आनन्द अरुणोदय बद्री नारायण चौधरी ‘प्रेमघन’
- यह है भारत देश हमारा सुब्रह्मण्यम भारती
इकाई – 3 : (12 घंटे)
- भारत-भारती (अतीत खंड) – मैथिलीशरण गुप्त
- पुष्प की अभिलाषा – माखनलाल चतुर्वेदी
- वीरों का कैसा हो वसन्त – सुभद्रा कुमारी चौहान
- प्रताप – श्याम नारायण पाण्डेय
- आजादी के फूलों पर जय-जय – सोहनलाल द्विवेदी
इकाई – 4 : (12 घंटे)
- विप्लव गान – बालकृष्ण शर्मा ‘नवीन’
- अरुण यह मधुमय देश हमारा जयशंकर प्रसाद
- जागो फिर एक बार सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ –
- बापू रामधारी सिंह ‘दिनकर’
सहायक ग्रंथों की सूची :
- देश दशा – राधाकृष्ण ग्रंथावली, पहला खंड, संकलनकर्ता और संपादक- श्यामसुंदरदास, इंडियन प्रेस, लिमिटेड, प्रयाग, प्रथम संस्करण 1930
- आनन्द अरुणोदय – बद्री नारायण चौधरी ‘प्रेमघन, प्रेमघन सर्वस्व, प्रथम भाग – 1829
- भारत भारती (अतीत खण्ड), प्रकाशक : साहित्य सदन, चिरगाँव, झाँसी, दसवां संस्करण >
- वीरो का कैसा हो वसंत : सुभद्रा कुमारी चौहान, स्वतंत्रता पुकारती, (सं.) – नंद किशोर नवल, बालकृष्ण – शर्मा नवीन, साहित्य अकादेमी 2006
- विप्लव गान – बालकृष्ण शर्मा ‘नवीन’, स्वतंत्रता पुकारती, (सं.) नंद किशोर नवल, बालकृष्ण शर्मा नवीन, साहित्य अकादेमी 2006
- जागो फिर एक बार – सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’, अपरा, राजकमल प्रकाशन, दिल्ली 2006
- प्रताप – संकलन हल्दीघाटी, श्री श्यामनारायण पाण्डेय, इंडियन प्रेस, लिमिटेड, प्रयाग 1953
- आजादी के फूलों पर – सोहनलाल द्विवेदी (जय भारत जय संकलन), राजपाल एण्ड संस, कश्मीरी गेट, दिल्ली पहला संस्करण 1972
- पुष्प की अभिलाषा – माखनलाल चतुर्वेदी, समग्र कविताएँ, (सं.) – श्रीकांत जोशी, किताब घर, दिल्ली, 2006
- रामविलास शर्मा – महावीर प्रसाद द्विवेदी और हिंदी नवजागरण, राजकमल प्रकाशन, दिल्ली
- रामचंद्र शुक्ल, हिंदी साहित्य का इतिहास, काशी नागरी प्रचारिणी सभा, वाराणसी रामस्वरूप चतुर्वेदी, हिंदी साहित्य और संवेदना का विकास, लोक भारती इलाहाबाद
- लक्ष्मीसागर वार्ष्णेय – हिंदी साहित्य का इतिहास, लोकभारती प्रकाशन, इलाहाबाद
- किशोरीलाल गुप्त – भारतेन्दु और अन्य सहयोगी कवि, हिंदी प्रचारक पुस्तकालय, बनारस
- हिंदी साहित्य का इतिहास – (सं.) डॉ. नगेन्द्र
- हिंदी नवजागरण और संस्कृति : शम्भुनाथ
- भारतेंदु युग और हिंदी नवजागरण की समस्याएं – रामविलास शर्मा
- बीसवीं शताब्दी हिन्दी साहित्य : नये सन्दर्भ – लक्ष्मी सागर वार्ष्णेय
रचनात्मक लेखन
Discipline Specific Elective (DSE) Credits: 4
Course | Nature of Course | Total Credit | Lecture | Tutorial | Practical | Eligiblity Criteria | Pre-requisite of the course |
रचनात्मक लेखन | डीएसई DSE-3 | 4 | 3 | 1 | 0 | 12th Pass | Nil |
पाठ्यक्रम का उद्देश्य (Course Objective) :
- विद्यार्थियों में रचना – कौशल का विकास करना
- विद्यार्थियों को रोजगार की दृष्टि से सक्षम बनाना
पाठ्यक्रम अध्ययन के परिणाम (Course Learning Outcomes) :
- रचनात्मकता का विकास हो सकेगा
- विद्यार्थी विभिन्न माध्यमों – जैसे पत्रकारिता, मीडिया, विज्ञापन, सिनेमा आदि क्षेत्रों में रोजगार प्राप्त कर सकेंगे
इकाई – 1: रचनात्मक लेखन : अवधारणा, स्वरूप एवं सिद्धांत (12 घंटे)
- भाव एवं विचार की रचना में रूपांतरण की प्रक्रिया
- विविध अभिव्यक्ति क्षेत्र पत्रकारिता, विज्ञापन, विविध गद्य एवं काव्य-रूप
- लेखन के विविध रूप गद्य-पद्य, कथात्मक कथेतर नाट्य
इकाई – 2 : रचनात्मक लेखन और भाषा (09 घंटे)
- भाषा की भंगिमाएं औपचारिक-अनौपचारिक, मौखिक – लिखित, मानक भाषा
- भाषिक संदर्भ स्थानीय, वर्ग, व्यवसाय, तकनीक
इकाई 3 : सृजनात्मक लेखन (9 घंटे)
- कविता लेखन
- कहानी लेखन
- नाटक लेखन
इकाई 4: जनसंचार माध्यमों के लिए लेखन (12 घंटे)
- प्रिन्ट मीडिया के लिए लेखन (फीचर, पुस्तक समीक्षा)
- रेडियो के लिए लेखन (रेडियो नाटक, रेडियो वार्ता)
- टेलिविज़न के लिए लेखन (वृत्तचित्र (डॉक्यूमेंट्री), विज्ञापन)
सहायक ग्रंथों की सूची :
- रचनात्मक लेखन (सं) रमेश गौतम, भारतीय ज्ञानपीठ, नई दिल्ली
- सृजनात्मक लेखन – हरीश अरोड़ा, यश प्रकाशन, नई दिल्ली
- कथा-पटकथा – मन्नू भण्डारी, वाणी प्रकाशन
- रेडियो लेखन- मधुकर गंगाधर, बिहार हिंदी ग्रंथ अकादमी
- दृश्य-श्रव्य माध्यम लेखन – राजेन्द्र मिश्र व ईशिता मिश्र, तक्षशिला प्रकाशन, नई दिल्ली
- फिल्मों में कथा-पटकथा लेखन- रतन प्रकाश, प्रभात प्रकाशन
- सृजनशीलता और सौन्दर्य बोध – रवीन्द्रनाथ श्रीवास्तव
- कविता रचना-प्रक्रिया – कुमार विमल, बिहार हिंदी ग्रंथ अकादेमी, पटना
- पटकथा लेखन : एक परिचय मनोहर श्याम जोशी, राजकमल प्रकाशन, दिल्ली