AEC Hindi Syllabus Semester-III/IV DU PDF

दिल्ली विश्वविद्यालय में Ability Enhancement Course (AEC) हिन्दी में सेमेस्टर-III/IV के अंतर्गत निम्नलिखित तीन पेपर पढ़ाए जाएंगे:
- व्यावहारिक हिन्दी (हिन्दी-क)
- जनसंचार और रचनात्मक लेखन (हिन्दी-ख)
- हिन्दी भाषा और तकनीक (हिन्दी-ग)
व्यावहारिक हिन्दी (हिन्दी-क)
Course | Nature of Course | Total Credit | Lecture | Tutorial | Practical | Eligiblity Criteria | Pre-requisite of the course |
व्यावहारिक हिन्दी (हिन्दी-क) | AEC | 02 | 02 | 00 | 00 | 12th Pass | 12th Pass |
पाठ्यक्रम का उद्देश्य (Course Objectives):
- विद्यार्थी की भाषाई दक्षता और भाषा कौशल को बढ़ावा देना
- भाषा प्रयोगशाला के माध्यम से प्रायोगिक कार्य को प्रोत्साहन देना
- रोजगार सम्बन्धी क्षेत्रों के लिए तैयार करना
- विभिन्न क्षेत्रों में हिंदी के प्रयोग की जानकारी
- हिंदी प्रयोग से जुड़े फील्ड वर्क पर आधारित विश्लेषण और लेखन पर बल देना
पाठ्यक्रम अधिगम प्रतिफल (Course Learning Outcomes ):
- भाषा के शुद्ध उच्चारण, रचनात्मक लेखन, औपचारिक लेखन तथा तकनीकी शब्दों से विद्यार्थी अवगत हो सकेगा।
- स्नातक स्तर के विद्यार्थी को भाषायी सम्प्रेषण की समझ और संभाषण से सम्बन्धित विभिन्न पक्षों से अवगत हो सकेगा।
- वार्तालाप, भाषण, संवाद, समूह चर्चा, अनुवाद के माध्यम से विद्यार्थी में अभिव्यक्ति कौशल का विकास हो सकेगा।
- समूह चर्चा, परियोजना के द्वारा विद्यार्थी में आलोचनात्मक क्षमता का विकास हो सकेगा।
इकाई-1: व्यावहारिक हिंदी (1-7 सप्ताह)
- व्यावहारिक हिंदी के विविध रूप (सामान्य परिचय)
- बैंको में प्रयोग होने वाली हिंदी
- संपर्क भाषा के रूप में हिंदी का महत्त्व
- बम्बईया हिंदी, कलकतिया हिंदी, हैदराबादी हिंदी
इकाई 2 : संपर्क भाषा के रूप में हिंदी के विविध रूप (8-15 सप्ताह)
- सार्वजनिक स्थानों पर हिंदी का प्रयोग (अस्पताल, बाज़ार, मॉल, मंडी)
- बैंकों में प्रचलित पारिभाषिक शब्दावली
- कार्यालयों में प्रचलित हिंदी की पारिभाषिक शब्दावली
- बाज़ार / दर्शनीय स्थल / क्रिकेट मैच का अनुभव लेखन
सहायक पुस्तकें:
- हिंदी भाषा हरदेव बाहरी, अभिव्यक्ति प्रकाशन, दिल्ली
- प्रयोजनमूलक हिंदी सिद्धांत और प्रयोग दंगल झालटे, वाणी प्रकाशन, दिल्ली संस्करण 2010
- मानक हिंदी का स्वरूप भोलानाथ तिवारी, प्रभात प्रकाशन, दिल्ली संस्करण 2008
- व्यावहारिक हिंदी एवं प्रयोग डॉ. ओम प्रकाश, राजपाल एंड संस, संस्करण 2003
- प्रायोगिक हिंदी (सं) रमेश गौतम, ओरिएंट ब्लैकस्वान, प्रकाशन संस्करण 2013
मूल्यांकन पद्धतिः (Assessment Method)
- कुल अंक: 50
- लिखित परीक्षा 38 अंक
- आंतरिक मूल्यांकन 12 अंक
जनसंचार और रचनात्मक लेखन (हिन्दी-ख)
Course | Nature of Course | Total Credit | Lecture | Tutorial | Practical | Eligiblity Criteria | Pre-requisite of the course |
जनसंचार और रचनात्मक लेखन (हिन्दी-ख) | AEC | 02 | 02 | 00 | 00 | 10th Pass | 10th Pass |
पाठ्यक्रम का उद्देश्य (Course Objectives):
- विद्यार्थियों के अभिव्यक्ति कौशल को विकसित करना।
- प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों के लिए लेखन कार्य की समझ विकसित करना
- हिंदी भाषा में रचनात्मक लेखन की ओर प्रेरित करना।
- विद्यार्थियों में कल्पनाशीलता और रचनात्मक लेखन का विकास करना।
- रचनात्मक लेखन के विविध क्षेत्रों की कार्यशैली का अध्ययन।
पाठ्यक्रम अधिगम प्रतिफल (Course Learning Outcomes ):
- विद्यार्थियों के मौखिक और लेखन कौशल को बढ़ाया जा सकेगा।
- विद्यार्थियों को प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक लेखन की ओर अग्रसर किया जा सकेगा।
- आज शिक्षा का व्यवसाय से भी संबंध है। यह पाठ्यक्रम वर्तमान संदर्भों के अनुकूल स्थापित हो सकेगा।
- विद्यार्थियों को साहित्य लेखन की जानकारी का ज्ञान विकसित होगा।
- रचनात्मक लेखन के सैद्धांतिक और व्यावहारिक पक्षों से परिचित हो सकेंगे।
इकाई 1: रचनात्मक लेखन का स्वरूप (1-7 सप्ताह)
- रचनात्मक लेखन का अर्थ और महत्व
- रचनात्मक लेखन के विविध रूप
- जनसंचार माध्यमों के लिए रचनात्मक लेखन
- जनसंचार माध्यमों में हिंदी भाषा
इकाई 2: विविध माध्यमों के लिए रचनात्मक लेखन (8-15 सप्ताह)
- प्रिंट माध्यम के लिए लेखन (साक्षात्कार, यात्रा अनुभव लेखन)
- इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों के लिए लेखन (संवाद लेखन और गीत)
- विज्ञापन लेखन
सहायक पुस्तकें:
- रचनात्मक लेखन प्रो. रमेश गौतम, भारतीय ज्ञानपीठ प्रकाशन, नई दिल्ली, संस्करण 2016
- कथा पटकथा मन्नू भंडारी, वाणी प्रकाशन, नई दिल्ली, संस्करण 2006
- पटकथा लेखन: एक परिचय मनोहर श्याम जोशी, राजकमल प्रकाशन, नई दिल्ली, 2000
- जनसंचार माध्यम: सम्प्रेषण और विकास देवेन्द्र इस्सर, इन्द्रप्रस्थ प्रकाशन, दिल्ली
- जनसंचार माध्यमों का सामाजिक चरित्र जवरीमल्ल पारिख, अनामिका प्रकाशन, दिल्ली
मूल्यांकन पद्धतिः (Assessment Method)
- कुल अंक: 50
- लिखित परीक्षा 38 अंक
- आंतरिक मूल्यांकन 12 अंक
हिन्दी भाषा और तकनीक (हिन्दी-ग)
Course | Nature of Course | Total Credit | Lecture | Tutorial | Practical | Eligiblity Criteria | Pre-requisite of the course |
हिन्दी भाषा और तकनीक (हिन्दी-ग) | AEC | 02 | 02 | 00 | 00 | 8th Pass | 8th Pass |
पाठ्यक्रम का उद्देश्य (Course Objectives):
- विद्यार्थी की भाषाई दक्षता और भाषा कौशल को बढ़ावा देना
- भाषा प्रयोगशाला के माध्यम से प्रायोगिक कार्य को प्रोत्साहन देना
- हिंदी भाषा दक्षता और तकनीक के अंतः संबंध को रेखांकित करना
- प्रभावी सम्प्रेषण का महत्त्व
- भाषिक सम्प्रेषण के स्वरूप एवं सिद्धांतों से विद्यार्थी का परिचय
- विभिन्न माध्यमों की जानकारी
पाठ्यक्रम अधिगम प्रतिफल (Course Learning Outcomes):
- भाषा के शुद्ध उच्चारण, रचनात्मक लेखन, औपचारिक लेखन तथा तकनीकी शब्दों से अवगत कराना
- जातक स्तर के विद्यार्थी को भाषाई सम्प्रेषण की समझ और संभाषण से सम्बन्धित विभिन्न पक्षों से अवगत कराना
इकाई 1: हिंदी भाषा और प्रौद्योगिकी (1-7 सप्ताह)
- ई-गवर्नेस में हिंदी का प्रयोग
- राजभाषा के प्रचार-प्रसार में कम्प्यूटर की भूमिका
- हिंदी और वेब डिजाइनिंग
- हिंदी के संदर्भ में यूनिकोड का प्रयोग
इकाई 2 : तकनीक और हिंदी भाषा (8-15 सप्ताह)
- इंटरनेट पर हिंदी की प्रमुख पत्रिकाओं की सूची बनाना
- हिंदी की किसी एक प्रमुख वेबसाइट की भाषा का विश्लेषण करना
- कम्प्यूटर पर हिंदी में स्ववृत, एस. एम. एस. और संदेश लेखन
- मशीनी अनुवाद से संबंधित प्रमुख सॉफ्टवेयर की सूची बनाना
सहायक पुस्तकें:
- सृजनात्मक साहित्य रवींद्रनाथ श्रीवास्तव, वाणी प्रकाशन, दिल्ली
- व्यवहारिक हिंदी शुद्ध प्रयोग ओमप्रकाश, राजपाल एंड संस, दिल्ली
- हिंदी भाषा का आधुनिकीकरण एवं मानकीकरण- डॉ. त्रिभुवननाथ शुक्ल, वाणी प्रकाशन, दिल्ली
- रचनात्मक लेखन (सं.) प्रो. रमेश गौतम, भारतीय ज्ञानपीठ प्रकाशन, दिल्ली
- तकनीकी सुलझने बालेंदु शर्मा दधीचि, ईप्रकाशकडॉटकॉम
- https://balendu.com/
मूल्यांकन पद्धतिः (Assessment Method)
- कुल अंक: 50
- लिखित परीक्षा 38 अंक
- आंतरिक मूल्यांकन 12 अंक