बिहारी के दोहे हिन्दी-‘क’ (B.Com)

बिहारी के निम्नलिखित दोहे B.Com(P) के ge पेपर हिन्दी-‘क’ में लगे हुए हैं।
पद
बसै बुराई जासु तन, ताही कौ सनमानु।
भलौ भलौ कहि छोडियै, खोर्टें ग्रह जपु दानु ॥381॥
मरतु प्यास पिंजरा पर्यो सुआ समै कैं फेर।
आदरू दै दै बोलियतु बाइसु बलिकी बेर ॥435॥
वे न इहाँ नागर बढ़ी, जिन आदर तो आब।
फूल्यौ अनफूल्यों भयौ, गवँई गाँव गुलाब ॥438॥
चल्यौ जाइ, ह्याँ को करै, हाथिनु कै व्यापार।
नहिं जानतु, इहिं पुर बसें, धोबी, ओड़ -कुँभार ॥439॥
नीच हियँ हुलसे रहै, गहे गेंद के पोत।
ज्यौं ज्यौं माथै मारियत, त्यौं त्यौं ऊँचे होत ॥491॥